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Q&A
11:27 AM | 29-01-2021

I have been suffering from miscarriages since past 5 years. Reasons suspected by doctor are thin endometrium & poor egg or sperm quality. (‘y’ chromosome inversion). Any successful stories here with nature cure?

The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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3 Answers

04:29 PM | 01-02-2021

Hello,

Thin endometrium indicates hormonal imbalances. Hormonal imbalance leads to improper nourishment of the endometrium which is essential for the preparation of endometrium to carry the foetus. If the endometrium is not prepared properly then it leads to miscarriage. 

Here are some tips that will help you to achieve overall good health along with the good health of your eggs or ovums.

Say no to smoking  

Smoking permanently speeds up egg loss in the ovaries. The chemicals in cigarettes mutate the DNA in a woman's egg cells, making some of the eggs unsuitable for conception. So, it is best to keep eggs healthy and free of unnecessary chemicals.

Manage stress levels

Stress can produce hormones such as cortisol and prolactin that can interfere or halt ovulation, which also hinders egg production. Stress-reducing activities such as yoga, meditation, exercise or a warm bath can help keep stress and frustration at bay.

Have a healthy diet

Healthy foods improve overall health, this includes helping your eggs stay healthy and high quality.

Eat plenty of green leafy vegetables and fresh, seasonal fruits.

Include sprouts, beans, nuts and dry fruits in your diet.

Include whole grains in your diet like oats, barley, millets, etc.

Yoga

 Good egg health is aided by oxygen-rich blood flow to the ovaries. Blood flow in the body can quickly decrease from dehydration, so aim to drink atleast 10 glasses of water each day. Yoga is a healthy and relaxing way to improve blood flow.

Perform yogasanas such as the lotus pose, child’s pose, reclining hero and seated forward bend.

Sleep

A good quality sleep is extremely important for maintaining the circadian rhythm. So, have a good quality sleep of atleast 7-8hours daily. Sleep early at night at around 10pm and also wake up early in the morning at around 6am. 

Read books before sleeping for an improved quality of sleep. 

Thank you 



04:39 PM | 01-02-2021

Namaskar!

Thanks for sharing your query with us! We do empathize with your concern. 

We are glad to share with you the success story of Anchal Kapur of winning over her infertility issues through Nature Cure! Please read her inspiring journey here - https://wellcure.com/health-journeys/1/my-triumph-over-ulcerative-colitis-infertility

You may explore our online course - Boost Your Fertility Naturally. The program is curated and conducted by Anchal. Please find details here - https://elearning.wellcure.com/boost-fertility-naturally

Regards,

Team Wellcure



04:29 PM | 01-02-2021

हेलो,

कारण - शरीर में एस्ट्रोजेन का स्तर कम होने से कभी-कभी सेल की वृद्धि रुक जाती है जिससे एंडोमेट्रियम की थिकनेस भी नहीं बढ़ती है।एंडोमेट्रियम की थिकनेस 6 एम.एम से कम है तो कन्सेप्शन नहीं होता है। हालांकि यदि इसकी थिकनेस 8 एम.एम. है और एंडोमेट्रियल लेयर की थिकनेस उतनी नहीं बढ़ रही है जितनी बढ़नी चाहिए तो यह गर्भाधान को रोक सकता है।यदि गर्भाशय में पर्याप्त मात्रा में खून की आपूर्ति नहीं होगी तो गर्भधारण के लिए एंडोमेट्रियम को मोटा होने में कॉम्प्लीकेशन्स हो सकती हैं। गर्भाशय मुड़ जाने से, युटरीन फाइब्रॉइड होने से या लाइफस्टाइल अनहेल्दी होने से भी खून का बहाव कम हो सकता है। प्रकृतिक चिकित्सा पद्धति में देखा गया है जीवन शैली को परिवर्तित करके कई सफलतापूर्वक गर्भधारण हुए हैं ऐसे कैसेस में हम लाइफसइल को परिवर्तित करने का सुझाव देते हैं। गर्भधारण में आने वाली दिक्कतों से जुड़े कारणों में ज्यादातर महिलाओं में इस हार्मोन की गड़बड़ी पाई जाती है। शरीर में एसिड लेवल बढ़ने से हार्मोन में कई प्रकार के विकार उत्पन्न होते हैं। इन विकारों को ठीक करने के लिए शरीर के पाचन तंत्र को स्वस्थ करना आवश्यक है। पाचन तंत्र को स्वस्थ करने हेतु प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को अपनाएं। ऐसा करने से  बच्चे को कंसीव करने में सफल होंगे।

जीवन शैली- 1. सुबह खाली पेट हर्बल जूस लें। शतावरीी के जूस से हार्मोन का विकार दूर होता है। शतावरी English name asparagus है। asparagus सलाद में कच्चे रूप में खाएं।

2. सूर्य के रोशनी शरीर में लेट कर लगाएं। सिर और आंख को सूती कपड़ा से ढक लें। ऐसा 20 मिनट करें। सूर्य उदय के एक घंटे बाद का धूप या सूर्य अस्त के एक घंटे 1 का धूप बहुत अच्छा होता मगर धूप यदि सिर और आंख को ढक कर लें तो किसी भी वक़्त धूप ले सकते हैं।

3. नाश्ते में केवल मौसम के फल केवल एक प्रकार के लें।

4. दोपहर में सलाद बिना नमक नीबू के  बिना लें।

सलाद को अकेले पूर्ण खुराक के रूप में लें। उसके साथ या बाद में पका हुए भोजन को ग्रहण ना करें। सलाद का पाचन समय 5 घंटा है तो पांच घंटे के बाद रात का भोजन लें।

रात के भोजन में 70% सब्जी डालें और 30% अनाज या millet लें। पका हुआ भोजन 35 साल से ऊपर के सभी व्यक्ति को दिन में केवल एक बार पका हुआ भोजन का सेवन करना चाहिए। यदि स्वास्थ में किसी प्रकार का कमी हो तो एक वक़्त का पका हुआ भोजन भी नहीं लेना उत्तम होता है। ये जीवन शैली में अनिवार्य रूप से उतारने से स्वास्थ उत्तम होता है।

5. पानी को या जूस को मुंह में घूंट भर कर रखे फिर घूंट को अंदर लें इससे आपका मुंह का लार जूस में मिल कर सुपाच्य प्रोटीन का निर्माण करता है जो कि शरीर की जरूरत है।

फल या सलाद को खूब चबा कर खाएं। ऐसा करने से शरीर 

को इन के पोषक तत्व ठीक प्रकार से मिल पाते हैं। फल और सलाद ठीक प्रकार से चबाने से हमारा लार उसके साथ मिलकर के कई विटामिन और कई मिनरल्स खुद से क्रिएट करता है जो कि हमारे शरीर का अहम घटक है।

6. हफ्ते में एक दिन उपवास करने से शरीर को मौका मिल जाता है स्वता ही पूरे शरीर की आंतरिक सफाई का जो कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अहम भूमिका निभाता है।

उपवास का मतलब यह है कि आपका 2 बार का भोजन ना लें जैसे सुबह का नाश्ता दोपहर का खाना ना लेकर सीधा शाम को ले या हो सके तो पूरे दिन का उपवास रखें शाम को भी कुछ ना ले। प्यास लगने पर पानी घूंट भर कर रखें फिर अंदर गट करें।  पानी पेट भरने के लिए ना पीएं केवल प्यास बुझाने के लिए,  मुंह में घूंट भरते ही दो से तीन घूंट आपके प्यास को बुझा देगा।

7. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)


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