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Q&A
11:08 PM | 14-06-2019

I have been trying to follow from last one year. My problems are endometriosis, low BP, excessive fatigue, low digestive fire, hair fall, under lying hypothyroidism. In past one year my condition definitely improved but still not fully recovered. Now I feel full pain in my upper left abdomen area, I think it's my spleen that got sluggish and inflamed due to toxins flow but unable to flow them out ,can you suggest me something and I still feel unbearable pain and mucus flow during mensuration.


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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7 Answers

12:04 PM | 15-06-2019

Dear Vandana, All conditions we perceive as disease is in reality the body's attempt to get back to balance.

All the different conditions you mention are medical terms. In reality, there is only one cause - i.e toxins build up in the body.

Please check these resources to understand this better

https://www.wellcure.com/body-wisdom/153/psysolution-series-1-article-8-of-14-toxaemia-how-does-it-get-formed

Nature cures - Why disease? What's the cure?

Nature Cures – Part II – Stages of disease

The solution is lifestyle change to align with nature's laws.

This will move you from disease to health.. all the conditions you mention will get better holistically.



06:28 PM | 23-09-2019

नमस्ते ,

आपकी जितनी भी समस्याएं हैं उनका मात्र एक कारण है आपके द्वारा किए गए भोजन का सही से पाचन, अवशोषण व मल का निष्कासन नहीं हो पा रहा है जिससे दूषित पदार्थ आंत  में ही सड़ रहे हैं, परिणाम स्वरूप शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिल पा रहे हैं।

  • नींद -रात्रि को 7 से 8 घंटे सोए इससे शरीर से अशुद्धियां बाहर निकलती हैं, कोशिकाओं की मरम्मत होती है ।
  • प्रतिदिन प्रातः गुनगुने पानी नींबू और शहद का सेवन करें इससे आंतों में स्थित अशुद्धियां बाहर निकलती है, आंत की कार्यक्षमता बढ़ती है, क्रमाकुंचन गति सुचारू रूप से चलने लगती है।
  •  जूस -प्रतिदिन मौसमी फल या हरी पत्तेदार सब्जी के जूस का सेवन प्रातः 7:00 से 9:00 के बीच करें, इस समय शरीर से अशुद्धियां बाहर निकलती रहती है व शरीर को हल्के भोजन की आवश्यकता होती है !
  • भोजन- प्रतिदिन प्रातः 9:00 से 11:00 के बीच हल्के, सुपाच्य मौसमी फल व हरी पत्तेदार सब्जियों से युक्त भोजन को खूब चबा चबाकर (लगभग 15 बार एक ग्रास को )भोजन करें, इससे भोजन का सही से पाचन होता है व पाचन अंगों को अधिक कार्य नहीं करना पड़ता।
  •  प्रतिदिन भोजन से 30 मिनट पहले व 90 मिनट बाद बैठकर धीरे-धीरे जल का सेवन करें ,पर्याप्त मात्रा में पाचक रसों हेतु जल की आपूर्ति होती है ,जिससे भोजन का पाचन और अवशोषण आसानी से होता है ।
  • उपवास -सप्ताह में 1 दिन उपवास रहेंगे, इससे शरीर के पाचन अंगों में स्थित दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं, पाचन अंगों को आराम मिलता है!
  • प्रतिदिन ठंडे पानी से बाल को धोकर बालों की जड़ों को रगडे़ इससे रक्त संचार बढ़ता है ।
  • प्रतिदिन नारियल का तेल लेकर बालों की जड़ों में रगड़े इससे रक्त संचार बढ़ता है, बालों की जड़ें मजबूत होती हैं ,उनको पोषण मिलता है।
  •  गर्दन की लपेट- 4 इंच चौड़ा व 1 मीटर लंबा सूती कपड़ा लेकर सामान्य तापमान के जल में डूबा दे ,निचोड़ कर गर्दन के चारों तरफ लपेटे उसके ऊपर समान लंबाई चौड़ाई का ऊनी कपड़ा लपेट दें, अशुद्धियां बाहर निकलती है, गर्दन की मांसपेशियों की क्रियाशीलता बढ़ जाती है ।
  • गर्दन का स्थानीय वाष्प स्नान -गर्दन में स्थित अशुद्धियों को बाहर निकालता है ,रक्त संचार बढ़ता है ,थायराइड ग्रंथि की क्रियाशीलता बढ़ जाती है!
  • पेट व लीवर की पट्टी -दो रबड़ के थैले लीजिए एक में गर्म पानी व दूसरे में ठंडा पानी भर दीजिए गर्म पानी के थैले को पेट पर आगे व ठंडे पानी के थैले को पीछे की तरफ रखकर 12 इंच चौड़ा और 3 मीटर लंबा सूती कपड़ा लेकर उसे चारों तरफ लपेट दे उसके ऊपर समान लंबाई चौड़ाई का ऊनी कपड़ा लपेट कर बांध दें (अवधि 30 मिनट) लिवर ,पेट ,अग्न्याशय प्लीहा की सक्रियता बढ़ती है।
  • आसन -सर्वांगासन, हलासन ,भुजंगासन ,थायराइड ग्रंथि पर दबाव के कारण उसकी कार्य क्षमता बढ़ जाती है।
  •  रोज ठहाके के साथ हंसे, इससे पेट व आंत की मांसपेशियों का व्यायाम होता है, मन प्रफुल्लित रहता है ,शरीर में स्थित हार्मोंस का संतुलन बना रहता है ।

नोट-समस्त योग व नेचुरोपैथी उपचार अनुभवी योग एवं नेचुरोपैथी फिजीशियन के निर्देशन में ही लें!

निषेध -मैदे ,चीनी व दूध से बने पदार्थ, क्रोध, ईर्ष्या ,चिंता ,आलस्य, तनाव ,देर रात तक जागना ,सोने से पहले मोबाइल ,टेलीविजन ,कंप्यूटर का प्रयोग ।

डॉ.राजेश कुमार 

योग व नेचुरोपैथी फिजीशियन



06:29 PM | 23-09-2019

Anything to do with the uterus can have many names. They cause its own symptoms and in this case the placement of the uterine lining. Whatever may be the names, the causes are the same - toxaemia and which set of organs get impacted is unique for a person. 

Reproductive system from a spiritual perspective has its own energy system to grow a life in it . It’s so high end that it has a lot of interdependencies and contributing factors to make this system work. The creator or the creation is not dumb to make this sophisticated system depend on just one endocrine secretion. We need to get out of this thinking that we know everything about the body and it’s as weak as a device that a human being makes with its own flaws. We are talking about a flawless machine called human body. It has a lot of backup systems that we can’t even dream and comprehend. It’s more than what you can believe.

Having said this, please follow as close to natural living as possible and help recover from the toxaemia in the body and help the body recover and function to its fullest.

Here is a story of infertility, but it’s best that you work towards a healthy whole food plant-based lifestyle with a lot of raw fruits veggies and greens. This will surely reverse your problem if practiced with dicipline.

Start your day with a big glass of cucumber juice made with two cucumbers, followed by a big bowl of fruits, followed by a big bowl of vegetable salads until dinner. You can have any number of servings of fruits in a day without worrying about the sugar content in it. For dinner have 30% milletsAnd 70% grains cooked without any cooking oil. Consumption of leafy greens in all forms is essential along with fruits which will help clean your system.

Bring yoga pranayama and meditation in your day. Connect yourself with nature by showing gratitude to the Sun by exposing yourself to the sun for about 30 minutes in a day in the morning.

Practice happiness from within rather than expecting happiness from external sources. 

 

Be blessed 

Smitha Hemadri (educator of natural healing practices)



06:27 PM | 23-09-2019

वंदना जी,

कारण - ख़राब हाज़मा के वजह से ये समस्या हो सकती है।

समाधान - सर पर सूती कपड़ा बाँध कर उसके ऊपर खीरा और मेहंदी या करी पत्ते का पेस्ट लगाएँ,नाभि पर खीरा का पेस्ट लगाएँ।पैरों को 20 मिनट के लिए सादे पानी से भरे किसी बाल्टी या टब में डूबो कर रखें। 

जीवन शैली - पृथ्वी और शरीर का बनावट एक जैसा 70% पानी से भरा हुआ। पानी जो कि फल, सब्ज़ी से मिलता है।

आपका मुख्य आहार ये हुआ तो बहुत अच्छा हो जाएगा।

1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें।

2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें। इसके बाद फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें, रुकें, फिर स्वाँस अंदर भरें। ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक समय पर करना है। ये दिन में चार बार करें। खुली हवा में बैठें या टहलें।

3 अग्नि तत्व- सूर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।

4 जल तत्व- खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।

नीम के पत्ते का पेस्ट अपने नाभि पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।

मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। 

5 पृथ्वी- सब्ज़ी, सलाद, फल, मेवे, आपका मुख्य आहार होगा। आप सुबह खीरे का जूस लें, खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर I100ml पानी में मिला कर पीएँ। खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। बेल पत्ता 8 से 10 पीस कर 100 ml पानी में मिला कर लें। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। जो की आपको ज़बर्दस्त फ़ायदा करेगा। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। फल को चबा कर खाएँ। दोपहर के खाने से एक घंटा पहले हरा जूस लें। खाने में सलाद नमक सेंधा ही प्रयोग करें। नमक की पके हुए खाने में भी बहुत कम लें। सब्ज़ी पकने बाद उसमें नमक डालें। नमक पका कर या अधिक खाने से शरीर में (fluid)  की कमी हो जाती।

सलाद दोपहर 1बजे बिना नमक के खाएँ तो अच्छा होगा क्योंकि नमक सलाद के गुणों को कम कर देता है। सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurad) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी लें।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लें। रात 8 बजे के बाद कुछ ना खाएँ, 12 घंटे का (gap) अंतराल रखें। 8बजे रात से 8 बजे सुबह तक कुछ नहीं खाना है।

एक नियम हमेशा याद रखें ठोस (solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल (liquid) को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें। ठोस (solid) भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ (liquid) ले सकते हैं। ऐसा करने से हाज़मा कभी ख़राब नहीं होगा। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन छोड़ने से ज़्यादा लाभ होगा।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। एनिमा किट मँगा लें । यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 100ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में एक बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में उपस्थित विषाणु निष्कासित हो जाये। प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में पहली बार करें।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)



06:26 PM | 23-09-2019

Dear Anchal, 
Your suggestions are valuable for me ,even I think the same because I am doing my level best . Daily 14 hr. Fasting, one solid meal, no animal products ,green juice , mono fruit breakfast. I can definitely say my condition is not deteorating but still I need more detox.Month long I feel myself healthy and bubbling with energy very positive  but as my menstrual period starts all my strength and energy goes to some far away place . For those two days that unbearable pain and trauma I feel like nothing can cure me..

06:34 PM | 23-09-2019

Hi Vandana. How about connecting with a Health Coach who can hand hold you through the process. Maybe you are over focusing on food, whereas the solution is non food in nature. A deeper look into your daily routine will help the Health Coach guide you better.
Pls NEVER use such statements - 'I feel like nothing can cure me'. The power to steer your health in the direction you want, is totally with you. Please read some inspiring stories in the Journeys section. Let me know if you would like to engage with a Health Coach. I really pray that you will find your balance soon.

Reply


03:29 PM | 30-07-2019

Hi Vandana. You mentioned that you have been trying to follow from last one year. Not sure what you meant. But it seems there is still a lot of detox your body needs & hence all these issues & symptoms you mentioned.

Please also note that how you feel mentally, how happy you are in life, how stressed or relaxed you are - all has a direct bearing on your health. 

I would suggest you work one on one with a nature cure practitioner / naturopath / natural health coach. They will give you an exact day by day action plan & monitor your progress. If you are ready to take this path, let me know pls. I'll connect you with someone. Else you could also avail of the Wellcure Buddy services which will help you tune your lifestyle to be in sync with nature.



04:09 PM | 25-09-2019

Many thanks for your help and guidance , will definitely follow your instructions.May God shower you with its choicest blessings..


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