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Q&A
11:33 AM | 27-07-2019

What is treatment for AVN Of hip joint


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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4 Answers

06:06 PM | 27-07-2019

Avascular Necrosis of the bone, or Osteonecrosis, aseptic necrosis and ischemic bone necrosis, is a relatively common disease characterized by death of the cellular elements of bone and marrow due to interruption of the blood supply.

Line of Management in Naturopathic Medicine along with Physiotherapy ( exercise therapy ) may be,

  • Naturopathic Medicine - Partial massage, Infrared lamp,
  • Diet Therapy - Boiled diet,Ragi,Vegetable salads etc
  • Exercise therapy - Passive movements, Types of Stretching ( Polar band and Sustained ), Active movements and walking

Note - Integrative medicine along with other systems of medicine along with Naturopathic medicine could be more beneficial rather than stand alone therapy.

These are tentative plan of treatments. Researrch brings more and more innovations and there could be more break through in the new techniques of management in this condition

 

 

 

 



03:04 PM | 27-07-2019

Hello,

Panchakarma treatment might be help ful. Or

Garlic has pain relieving properties
Take a frying pan
Add 60 ml of coconut oil
Add 8-10 cloves of garlic
Fry this mixture till garlic turns dark brown
Apply this oil when lukewarm on the affected area



06:05 PM | 27-07-2019

नमस्ते

दर्द वाले जगह पर धनिया+बेल्पत्रा+पुदीना+फिटकिरी का पेस्ट लगाएँ 20मिनट के लिए और दिन दो बार तिल के तेल से (clockwise) घड़ी की सीधी दिशा में

और (anti clockwise) घड़ी की उलटी दिशा में मालिश करें नरम हाँथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं देना है।

हमारा शरीर ५तत्व से बना हुआ है वो पाँच तत्व का सामंजस्य ठीक प्रकार से होते ही शरीर पूर्णत्या स्वस्थ हो जाएगा।

1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें, रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें।

2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ ऐसे १० चक्र एक टाइम पर करना है ये दिन में चार बार करें

खुले हवा में बैठें या टहलें

3 अग्नि तत्व- सूर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ सर और आँख को किसी सुती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपका सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।

4 जल तत्व- खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गिला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के २ घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।

मेरुदंड ( स्पाइन) सीधा करके बैठें, हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में ३ दिन मेरुदंड का स्नान करें। 

5 पृथ्वी- सब्ज़ी, सलाद, फल, मेवे, आपका मुख्य आहार होगा आप सुबह खीरे का जूस लें, खीरा१/२+धनिया पत्ती पीस लें, १०० ml पानी मिला कर पीएँ, 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।

दोपहर में १२बजे फिर से इसी जूस को लें और इसके एक घंटे बाद खाना खाएँ, शाम को नारियल पानी लें फिर २घंटे तक कुछ ना लें।रात के खाने में सलाद बिना नमक के खाएँ।

ख़ाली पैर मिट्टी पे चलें दर्द वाले भाग पर गीली मिट्टी लगाएँ या खीरा + धनिया + तिल पीस कर पेस्ट बना लें और लगाएँ २० मिनट के लिए और फिर साफ़ कर लें इससे दर्द में तुरन्त आराम मिलेगा।



06:05 PM | 27-07-2019

नमस्ते

दर्द वाले जगह पर धनिया+बेल्पत्रा+पुदीना+फिटकिरी का पेस्ट लगाएँ 20मिनट के लिए और दिन दो बार तिल के तेल से (clockwise) घड़ी की सीधी दिशा में

और (anti clockwise) घड़ी की उलटी दिशा में मालिश करें नरम हाँथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं देना है।

हमारा शरीर ५तत्व से बना हुआ है वो पाँच तत्व का सामंजस्य ठीक प्रकार से होते ही शरीर पूर्णत्या स्वस्थ हो जाएगा।

1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें, रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें।

2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ ऐसे १० चक्र एक टाइम पर करना है ये दिन में चार बार करें

खुले हवा में बैठें या टहलें

3 अग्नि तत्व- सूर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ सर और आँख को किसी सुती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपका सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।

4 जल तत्व- खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गिला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के २ घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।

मेरुदंड ( स्पाइन) सीधा करके बैठें, हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में ३ दिन मेरुदंड का स्नान करें। 

5 पृथ्वी- सब्ज़ी, सलाद, फल, मेवे, आपका मुख्य आहार होगा आप सुबह खीरे का जूस लें, खीरा१/२+धनिया पत्ती पीस लें, १०० ml पानी मिला कर पीएँ, 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।

दोपहर में १२बजे फिर से इसी जूस को लें और इसके एक घंटे बाद खाना खाएँ, शाम को नारियल पानी लें फिर २घंटे तक कुछ ना लें।रात के खाने में सलाद बिना नमक के खाएँ।

ख़ाली पैर मिट्टी पे चलें दर्द वाले भाग पर गीली मिट्टी लगाएँ या खीरा + धनिया + तिल पीस कर पेस्ट बना लें और लगाएँ २० मिनट के लिए और फिर साफ़ कर लें इससे दर्द में तुरन्त आराम मिलेगा।


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