I have a pure obsessive compulsive disorder.. I am unable to control my thoughts. Plz suggest me some cure to reduce it
The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.
Read moreHi Harshil,
I would suggest you try to keep yourself occupied in work, hobbies, socialization and some sport. Also, start practising yoga and meditation regularly. These are great tools to keep your mind under control. You may seek some expert help initially.
Take help from your friends and family and if required a menatal health professional as well.
You may also be under high-stress levels. Adopt a better lifestyle and learn some techniques to keep your self stress-free. You may find it helpful to followthis thread to an earlier query on how to manage stress.
All the best!
Hi Harshil
There are many types of OCD. So here I am unable to give the exact answer. Hence, if you follow some you can get out of it.
Practice daily meditation facing in the east .
Don't sit in a south-east direction.
Program your mind with good affirmation.
Take hypnotherapy and do exercise daily.
Write and indulge yourself in a good activity.
Take 5 drops of bach flower impatience remedy in rock water.
Programme your water n food before consuming it.
Avoid to sit in dark, do travel, avoid negative company.
Try to speak something which is thoughtful.
Take care.
OCD Issues can be both deep-rooted emotional trauma, or toxicity in the body. This has to be handled at both levels.
Level one-deep-rooted emotional trauma
In this case what typically happens Is, Possibly as a child you had some experiences / uncomfortable situations/ a trauma / or any situation that became deep-rooted. Repeated exposures to similar issues/situations heats up a part of the brain that handles this emotion. Repeated exposure to similar situations and heating of the brain in only a particular area causes a mild burnout in parts of the brain. This hampers the electrical signals from passing very easily across that area. This can lead to many OCD situations
Level 2 - accumulation of toxins
Among other toxins, accumulation of heavy metals is one of the major reasons for its OCD. Metal such as mercury aluminium copper et cetera can hamper the electrical impulses in the brain. Many of your decisions, getting up in the morning, brushing your teeth , doing some activities et cetera are based on electrical impulse that go across the brain / body carrying information. When that happens mercury and other heavy metals shortcircuit that electrical impulse.
Body is actually designed to maintain homoeostasis. Hence when the electrical signal which was meant to go from place A to B, encounters a road hump, it keeps trying to go across the road hump which explains the repeated actions / thoughts that you might be trying to do / think . Your body will be trying to go from place A to place B and if it ain’t encounters a roadblock it will try to find another route to go to B. On the way to B in the Detour if it encounters another block because the brain is contaminated with deposits, you might have other symptoms. Hence cleaning yourself up from these heavy metals and other toxins is a must.
In addition to this you know that you are not able to control yourself from repeating some of these actions or thoughts but you know that you want to get away from that but you can’t, in such a stressful situation you will also be flooding your body with a huge dose of adrenaline which in turn corrodes your gut lining and can cause other auto immune issues. Repeated fight or flight situations cannot be handled by the adrenal gland is on a daily basis.
1) 500ml cucumber juice upon waking and 2 more litres of fresh veg or green , fruit juices in the day
2) fruits for breakfast
3) salads for lunch with lots of greens ( both juiced and whole green leaves)
4) millet based gluten free oil free dinner
5) vegan non fluoride toothpaste
6) use clay / iron / steel / glass for cooking and no other material must touch ur food
7) try to go organic to avoid heavy metals in pesticides
8) avoid cooking with oils
9)elimination of all animal products dairy eggs meat fish
10)no ready to eat foods from packets
11) no refined flour or oils
12) sun exposure for 1 hr daily
13) try breaking the habits to change the brain pattern although habits can be tough to change
14) have early dinner and sleep early
15) yoga and pranayama
16) inverted yoga poses to improve blood circulation to brain
17) take cold head bath daily once a day ( just head alone)
Lots of juicing, greens and fruits are the key.
Be blessed
Smitha Hemadri (educator of natural healing practices)
नमस्ते
प्रतिदिन आप ख़ुद को प्यार दें अपने बारे में 10 अच्छी बातें कोरे काग़ज़ पर लिख कर और प्रकृति को अपने होने का धन्यवाद दें।
मानसिक समस्या भी इसी शरीर की समस्या है सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि हम किसी भी परिस्थिति में सकारात्मक सोंच रखते हैं या नकारात्मक।
प्राकृतिक जुड़ाव आपको सकारात्मक सोंच प्रदान करेंगी क्योंकि प्राकृतिक जीवन शैली अपने आप में पूर्ण भी है और जीवंत भी है। पाँच तत्व से प्रकृति चल रही है और उसी पाँच तत्व से हमारा शरीर चल रहा है।
1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें। वाद्य यंत्र शास्त्री संगीत (instrumental classical music)सुनें।
2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक टाइम पर करना है। ये दिन में चार बार करें।
अपने कमरे में ख़ुशबू दार फूलों को रखें।
3 अग्Iनि तत्व- सूर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।
4 जल तत्व- नहाने के पानी में ख़ुशबू वाले फूलों का रस मिलाएँ। नींबू या पुदीना का रस मिला सकते हैं।4 पहर पर नहाएँ।सुबह नाश्ते से पहले, दोपहर खाने से पहले, शाम को सूर्य अस्त के पहले और रात को सोने से पहले। खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।
मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।
सर पर सूती कपड़ा बाँध कर उसके ऊपर खीरा और मेहंदी या करी पत्ते का पेस्ट लगाएँ,नाभि पर खीरा का पेस्ट लगाएँ।पैरों को 20 मिनट के लिए सादे पानी से भरे किसी बाल्टी या टब में डूबो कर रखें।
5 पृथ्वी- सब्ज़ी, सलाद, फल, मेवे, आपका मुख्य आहार होगा। आप सुबह खीरे का जूस लें, खीरा 1/2 भाग +धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।
दोपहर में 12 बजे फिर से इसी जूस को लें। इसके एक घंटे बाद खाना खाएँ। शाम को नारियल पानी लें फिर 2 घंटे तक कुछ ना लें। रात के सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें, नारियल की गिरि मिलाएँ।
लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। इसे बिना नमक के खाएँ, बहुत फ़ायदा होगा।
जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।
तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा।एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।
हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।
धन्यवाद।
रूबी,
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
नमस्ते ,
ओसीडी अर्थात् जुनूनी बाध्यकारी विकार जिसमें अपना विचार ही बाध्यकारी व्यवहार में परिवर्तित हो जाता है ,अधिकतर मलावरोध के कारण होता है।
- रात्रि में 7 से 8 घंटेेे प्रतिदिन सोएं शरीर में स्थित अशुद्धियां बाहर निकलती हैं ,कोशिकाओं का निर्माण होता है।
- प्रतिदिन प्रातः गुनगुने पानी में नींबूूूू और शहद का सेवन करें इससे आंत में स्थित अशुद्धियां बाहर निकल जाती हैं।
- प्रतिदिन सूर्योदय के बाद 45 मिनट धूूप में अतीत करें इससे शरीर को आवश्यक विटामिन डी मिलती है।
- प्रतिदिन मौसमी फलों के जूस का सेवन करें इससे शरीर में स्थित अशुद्धियां बाहर निकलती हैं।
- भोजन में 80% मौसमी फल व हरी पत्तेदार सब्जियों का प्रयोग करें, इससे भोजन का पाचन अवशोषण व मल निष्कासन आसानी से होता है, समय प्रातः 9:00 से 11:00 बजे के बीच क्योंकि इस समय शरीर में पर्याप्त मात्रा में पाचक रस का स्राव होता है, जिससे भोजन का पाचन आसानी से हो जाता है ।
- सप्ताह में एक दिन उपवास रहें ,इससे शरीर में स्थित अशुद्धियां बाहर निकलती हैं और अंगों की कार्य क्षमता बढ़ जाती है।
- प्रतिदिन 3 से 4 लीटर जल दोपहर 1:00 से 3:00 के बीच बैठकर धीरे-धीरे पिए, इस समय शरीर से भोजन का अवशोषण होता रहता है व दूषित पदार्थ बड़ी आंत की तरफ जाते हैं।
- पूरे शरीर की मालिश ,वाष्प स्नान सप्ताह में एक दिन शरीर में स्थित अशुद्धियों को बाहर निकालता है।
- पूरे शरीर का मिट्टी स्नान ;मन शांत करता है।
- क्रिया -जलनेति ,नाक में स्थित श्लेष्मा को बाहर निकालती है जिससे वायु बिना अवरोध के आती जाती रहती है !
- प्राणायाम -कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी ;मानसिक तनाव, उत्तेजना इत्यादि को कम करती है मस्तिष्क को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति करती है, नकारात्मक चिंतन समाप्त हो जाते हैं!
- योग निद्रा -शारीरिक अंगों के बीच चेतना जागृत करती है ,मन शांत होता है!
- प्रतिदिन सुगंधित पुष्पों से युक्त बगीचे में टहलें ।
- प्रसन्न चित्त रहें खुलकर हंसे।
निषेध- चाय, चावल, चीनी ,अचार, मिठाइयां ,नमक -नमकीन ,ठंडे पेय पदार्थ ,मैदे से बनी चीजें ,चीनी के उत्पाद व दूध से बने पदार्थ ,सोने से 2 घंटे पहले मोबाइल, टेलीविजन ,कंप्यूटर का प्रयोग!
डॉ .राजेश कुमार
योग एवंनेचुरोपैथी फिजीशियन
1 |
Dr. Khushbu Suthar
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Abhay
12:49 AM | 23-09-2019
Great I love you thank for that
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