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Q&A
10:17 AM | 05-08-2019

Treatment required for chronic ear pain for my daughter


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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6 Answers

12:56 PM | 23-12-2019

🙏 नमस्ते

Ear कान दर्द के लिए यह उपाय जरूर कीजिए ।

* सरसोंका तेल 1 - 2 बून्द डाले और रुई रखे ।

* मिल्क और उसकी बनावट भोजन में लेना बंध करिए ।

* कान पर pressure आये वैसे सोने की जगह सिर के बल सोए ।

* हल्का गर्म सेक करिए ।

* पंखे की हवा में कान पर हल्का कपड़ा ढंकीए ।

* कोई यात्रा के दौरान भी खुली हवा में कान टोपी जरूर पहनाइए ।

* खोपरेल तेल में 1 बून्द अदरख का रस मिलाकर कान के आसपास के हिस्से पर हल्का मसाज करें ।

* गर्दन की हल्की फुल्की कसरत करे ।

* अपना हाजमा ठीक रखे ।

🙏 धन्यवाद 



05:21 PM | 05-08-2019

Hi. Does she take dairy products? There is often a close relationship between ear pain & dairy.



10:15 PM | 23-12-2019

Earache can cause inflammation in the ears, so the first thing to do is to start with an anti-inflammatory diet so that earache can be easily dealt with.

Ginger and garlic are two important antibiotics that are plant-based. A recipe that will help in dealing with earache is, one inch of ginger and two cloves of garlic crush them.

Add lemon in it with rock salt and consume it with warm water thrice a day. You will surely see the results soon.

Thank you



11:46 AM | 26-12-2019

Dear health seeker Sh Joshi, umpteen cases of earaches have been restored back to normalcy by Divine science of nature cure, follow it with utter obedience and it will provide your daughter freedom from all pain earaches including. 

     You may take heart that basic nature cure, a drugless healing system based on eternal laws of life governing our organism can safely treat your ear pain. All you have to do is to follow the eternal laws of nature, supplying the body the right type of nutrition provided by the kingdom of plants, 

Consume fruits and vegetables raw and cooked to the extent of 80%and rest 20%from among from cereals such as brown rice, millet, ragi, jowar, oats 

Bask in the early morning sun for 30 minutes 

Drink some alkaline herbal juices either of ashgourd, banana stem, 70ml only 

If   your daughter constipated take a non-violent enema of 200ml, under expert supervision

For the ear ache apply a wet cloth over your head, cold water has magical properties of relieving all pain, in fact this application has a salutary effect for relieving ear ache. 
Weather permitting, the child should be given a head wash twice to  regulate the blood supply (avoid if weather is cold)

The  ear ache is the result of suppression of cold  cough or  acute fever, etc. by medicine earlier or maybe the result of vaccinations 
Needless to mention that avoid all enervating foods and devitalising foodless foods like tea, coffee, cola drinks, sweets, namkeen, biscuits, chocos, chocolates, bread, milk and its products. 
There would be a healing crisis in the form of cold and cough, fever etc  which will  clean the body from the toxins and in the process all your health issues will be taken care of 

Please also avoid any food supplements, even synthetic vitamins pills 

Be healthy and happy 

     V.S.Pawar Member Indian institute of natural therapeutics 




08:10 PM | 24-12-2019

Hi,  

  • Chronic ear pain occurs due to an infection in the ear,  build up Ear wax, or any sinus infection, or any foreign objects in the ear.  Please check for the cause.
  • To reduce Or getting cure From ear pain hot pack or hot compress will help. 
  • Avoid putting pressure on the ear while sleeping also helps.
  • Do some neck exercises like rotation and up and down movements etc. Help To relieve clogged water and relieves ear pressure.

Garlic oil:
Soak crushed garlic in warm sesame oil keep it for few hours. Then drain turmoil and apply the oil on the ear.  The antiseptic property of garlic helps to reduce infection and pain. 

Inhaling steam also helps to get relieved from ear pain due to sinus. 

Gargling with lukewarm saline water helps to infection in the throat and Eustachian tube which connect with the ear.

Basil leaves:  crush few basil leaves and put few drops of basil leaves juice, it helps to treat the infection and reduces ear pain. 

Namasthe!



08:05 PM | 24-12-2019

कारण - शरीर में अम्ल की अधिकता के कारण कान में mucus infection हुआ है। अम्ल की अधिकता के कारण शरीर की किसी भी हिस्से में संक्रमण और दर्द की सम्भावना बढ़ जाती है।

दुध, गेहूँ, और चीनी से सख़्त परहेज़ रखें।

समाधान - एक प्याज़ का रस निकालें उसमें हल्दी मिला कर छान लें और गुनगुना होने तक गरम करें और

रुई के मदद से कान में डालें। 20 मिनट के बाद रुई को नीम के तेल से भीगो कर कान में रखें।

कान, चेहरे के हल्के हाँथों से मालिश करें। 

सूर्य की रोशनी में बैठे और बैठते समय सर को और चेहरे को सूती के कपड़े से ढक कर रखें पूरे शरीर पर कपड़े हटाकर धूप लगने दे। जितनी देर तक कि आराम से सह सके उतनी देर तक ही यह काम करें।

लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक टाइम पर करना है। ये दिन में चार बार करें।

जीवन शैली-  1आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।

फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।

2.वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।

3.अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।

4.जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है। नारियल तेल से

घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ash guard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक  पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल + सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद + नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ash guard) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

6.सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।

7.एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ  ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

8.उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator) 


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