Please share me daily diet for lung cancer 2nd stage patient?
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Read moreHello Vijay,
Firstly, my best wishes as you or your near one is healed from the Lung Cancer.
Please follow a simple diet of khichdi which can be made from quinoa and lentils. A lot of legume and lentil soup. Try to avoid anything solid especially wheat or any kind of grains for now. You can substitude grains with Quinoa, or organic oats or protein flour made up of soy,some lentils, green peas etc.
Green Leafy vegetable soup can be the best thing as it is easily digestible and it heals our internal system.
Plant based yogurt with banana also works best.
Listen to soothing sounds that help with calmness of mind and instill positivity. You need a lot of positive energy during this time, therefore going out in the nature, sitting under a tree for 1 hour works best as well.
My prayers are for your healing.
Be Blessed
Regards
नमस्ते,
समस्त प्रकार के कैंसर के रोगियों का पेट साफ रहना अत्यंत आवश्यक है,
* गेहूं के ज्वारे का एनिमा, या गुनगुने पानी का, (प्रातः 5:00 से 7:00 के बीच) 4 से 5 दिन लगातार !
*प्रतिदिन प्रातः काल सूर्योदय के समय 30 मिनट व सूर्यास्त से 1 घंटे पहले धूप में बैठे !
*फलों का जूस - संतरा, नींबूू ,सेेब,, नाशपाती टमाटर ,गाजर, पालक ,लौकी, गेहूं का ज्वारा,अंगूर (प्रातः 7:00 से 9:00 के बीच)
*सलाद-गाजर, प्याज, लहसुन,खीरा, चुकंदर ,टमाटर, (प्रातः 9:00 से 11:00 के बीच)
*उबली हुई सब्जियां - कद्दू,लौकी, पालक, फूलगोभी, पत्ता गोभी, नेनुआ ! (सायं 5:00 से 7:00 के बीच)
निषेध- तली- भुनी ,नमक, नमकीन ,मिर्च ,मसालेदार, डिब्बाबंद भोज्य पदार्थ , चावल ,चीनी ,अचार ,मिठाईयां, चाय -काफी ,क्रोध, ईर्ष्या ,चिंता !
नोट -समस्त योग व नेचुरोपैथी उपचार कुशल व अनुभवी योग व प्राकृतिक चिकित्सक के निर्देशन में ही ले !
डॉ. राजेश कुमार
योग व नेचुरोपैथी फिजीशियन
All cancers are the same. The person must be completely cutoff from man made foods and consume only fruits as solids and veg juices and greens. Even water must be obtained from bio available fruits and veggies , tender coconut and such. Absolutely no spices no salt etc. exposure to sun and other elements, yoga and pranayama. Sleeping early and waking early.. following the sun cycle. Mediation and such things can attempt to restore the vitality of the person. If chemo is given, then the timeline and severity of recovery increases so much more. Only time can tell what’s her vitality level to restoration. Cancer is the highest abuse of the body. It all depend s on whether he has gone off a recovery point and we also won’t know that.
What made them get to this stage are their unhealthy lifestyle such as consuming the wrong foods -animal based diary meat eggs fish eating outside foods , exposure to harsh toxic environments like toxic smells. Mentally, holding negative emotions for people around him In his heart etc.
Nature cure can attempt to reverse this, but it needs a dedicated attention at this stage. They also needs to do exactly opposite of what they ate , what they thought , what they spoke in the past. literally live on fruits greens and veg juices
, forgive and love everyone around them unconditionally , remove expectations of any form, speak only positivity, lastly surrender to the universe and accept all kinds of outcomes of the actions. Ultimately like Krishna has told in Geetha, you do your actions and don’t worry about the results as thats not yours to give.
admit him here.
http://www.kayakalpretreat.com/
Journey to read and be inspired
Be blessed
Smitha Hemadri (educator of natural healing practices)
नमस्ते
शरीर को यह ज्ञान है कि ख़ुद को स्वस्थ कैसे रखना है। हम इस बात से अनभिज्ञ हैं। जब हमारी प्राणशक्ति हमें ऊर्जा दे रही होती है तो वह स्वास्थ्य की स्तिथि है। जब हमारी प्राण शक्ति हमारे शरीर के अंदर विषाणुओं (toxic) को साफ़ करने में लग जाती है तो वह अस्वस्थ होने की स्तिथि होती है।
प्राण शक्ति ने सिर्फ़ अपना काम बदल लिया क्योंकि हमने अपनी ग़लत आदतों के वजह से उसे ऐसा करने पर मजबूर किया है।
एनिमा किट मँगा लें । यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 100ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में उपस्थित विषाणु निष्कासित हो जाये।
शरीर को यह ज्ञान है कि ख़ुद को स्वस्थ कैसे रखना है। हम इस बात से अनभिज्ञ हैं। जब हमारी प्राणशक्ति हमें ऊर्जा दे रही होती है तो वह स्वास्थ्य की स्थिति है।
पृथ्वी और शरीर का बनावट एक जैसा 70% पानी से भरा हुआ है। पानी जो कि फल, सब्ज़ी से मिलता है।
आपका मुख्य आहार ये हुआ तो बहुत अच्छा हो जाएगा।
1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें।
2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक समय पर करना है। ये दिन में चार बार करें।
खुली हवा में बैठें या टहलें।
3 अग्नितत्व- सूर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।
4 जल तत्व- खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें। खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं। नीम के पत्ते और खीरे का पेस्ट पेट पर रखें। 20 मिनट के बाद साफ़ कर लें। मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें।
हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें।
5. पृथ्वी तत्व- कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। अगले सुबह ख़ाली पेट इनमे से कोई भी हरा जूस लें। पेठे (ashguard ) का जूस लें और नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर 100ml पानी में मिला कर छान कर पीएँ। बेल पत्ता जूस विशेष लाभ देगा।खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ।ये जूस सुबह नाश्ते से एक घंटे पहले लें। नाश्ते में फल लें। दोपहर के खाने से एक घंटा पहले हरा जूस लें। खाने में सलाद नमक सेंधा ही प्रयोग करें। नमक की पके हुए खाने में भी बहुत कम लें। सब्ज़ी पकने बाद उसमें नमक डालें। नमक पका कर या अधिक खाने से शरीर में (fluid) की कमी हो जाती।
सलाद दोपहर 1बजे बिना नमक के खाएँ तो अच्छा होगा क्योंकि नमक सलाद के गुणों को कम कर देता है। सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurad) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। रात को उबली हुई हरी सब्ज़ियों को मुख्य आहार में लें।
रात 8 बजे के बाद कुछ ना खाएँ, 12 घंटे का (gap) अंतराल रखें। 8बजे रात से 8 बजे सुबह तक कुछ नहीं खाना है।
एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।
जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।
तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।
हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।
एक नियम हमेशा याद रखें ठोस (solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें। ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।
ऐसा करने से हाज़मा कभी ख़राब नहीं होगा। इस प्राकृतिक चिकित्सा के सिद्धांत के अनुसार बताए गए खान पान में किसी भी प्रकार की कोताही न बरतें। यह भी ध्यान दें कि उपरोक्त बतायी अधिकांश बातों को प्रचलित चिकित्सा पद्धतियां पूरी तरह नहीं मानती। इसलिए ऐसा करने का निर्णय अपने विश्वास, श्रद्धा और विवेक से ही लें।
धन्यवाद।
रूबी,
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
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