I'm suffering from stammering and I seriously don't know how to overcome it, because tried everything, but nothing seems to work and been suffering from depression and many negative things and lost many beautiful opportunities because of this. And because of my stammering I feel very nervous and lack of confidence. So please anyone help me with proper guidance here. Like what and how to cure this stammering.
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Read moreनमस्ते
अचेतन मन (subconscious mind) आत्म ग्लानि (low confident) का शिकार है। सोते वक़्त और सुबह उठने के बाद ये करें।
प्रतिदिन आप ख़ुद को प्यार दें अपने बारे में 10 अच्छी बातें कोरे काग़ज़ पर लिख कर और प्रकृति को अपने होने का धन्यवाद दें।
मानसिक समस्या भी इसी शरीर की समस्या है सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि हम किसी भी परिस्थिति में सकारात्मक सोंच रखते हैं या नकारात्मक।
प्राकृतिक जुड़ाव आपको सकारात्मक सोंच प्रदान करेंगी क्योंकि प्राकृतिक जीवन शैली अपने आप में पूर्ण भी है और जीवंत भी है। पाँच तत्व से प्रकृति चल रही है और उसी पाँच तत्व से हमारा शरीर चल रहा है।
1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें। वाद्य यंत्र शास्त्री संगीत (instrumental classical music)सुनें।
2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक टाइम पर करना है। ये दिन में चार बार करें।
अपने कमरे में ख़ुशबू दार फूलों को रखें।
3 अग्Iनि तत्व- सूर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।
4 जल तत्व- नहाने के पानी में ख़ुशबू वाले फूलों का रस मिलाएँ। नींबू या पुदीना का रस मिला सकते हैं।खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।
मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।
सर पर सूती कपड़ा बाँध कर उसके ऊपर खीरा और मेहंदी या करी पत्ते का पेस्ट लगाएँ,नाभि पर खीरा का पेस्ट लगाएँ।पैरों को 20 मिनट के लिए सादे पानी से भरे किसी बाल्टी या टब में डूबो कर रखें।
5 पृथ्वी- सब्ज़ी, सलाद, फल, मेवे, आपका मुख्य आहार होगा। आप सुबह खीरे का जूस लें, खीरा 1/2 भाग +धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।
दोपहर में 12 बजे फिर से इसी जूस को लें। इसके एक घंटे बाद खाना खाएँ। शाम को नारियल पानी लें फिर 2 घंटे तक कुछ ना लें। रात के सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें, नारियल की गिरि मिलाएँ।
लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। इसे बिना नमक के खाएँ, बहुत फ़ायदा होगा।
जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।
तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा।एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।
हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।
रूबी, Ruby
प्राकृतिक जीवनशैली शिक्षिका (Nature Cure Educator)
नमस्ते,
- निम्न कारणों में से किसी एक कारण की वजह से हकलाते हैं जैसे -
- बोलने के अंगों की मांसपेशियों को नियंत्रित करने में असमर्थता
- बोलने के अंगों में बाधा पहुंचना।
- न्यूरोमस्कुलर संबंधित समस्याएं।
- जीभ और होंठों को चलाने में कठिनाई।
हालांकि, हकलाना बढ़ते युग में मनोवैज्ञानिक कारकों की वजह से भी हो सकता है जैसे -
- बिना हकलाए बोलने में भी विश्वास खो देना।
- अन्य मनोवैज्ञानिक कारक जैसे घृणा, चिन्ता, उत्तेजना और तनावपूर्ण परिवेश का वातावरण शामिल हैं।
- हकलाने के कुछ लक्षण इस प्रकार हैं -
- किसी शब्द या वाक्य को शुरू करने में समस्या होना, कुछ शब्दों को बोलने से पहले हिचकिचाहट महसूस करना या अपनी बात तेज़ गति से बोलना।
- बोलते समय तेज़ गति से आँखे भिचना, पैरों का ज़मीन पर थपथपाना, जबड़े का हिलाना आदि।
- कुछ आवाज़ निकालने से पहले 'ओह्ह्ह' जैसा विस्मयबोधक शब्द का बार बार इस्तेमाल करना।
आपको निम्नलिखित बातों का पालन करना चाहिए-
- नींद -रात्रि में 7 से 8 घंटे की नींद अवश्य लें, इससे शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकलता है कोशिकाओं की मरम्मत होती है।
- यदि आपके पास सूर्योदय के समय पर्याप्त समय नहीं है तो आप सूर्यास्त से 1 घंटे पहले 45 मिनट धूप मेंं रहे इससे शरीर में विटामिन डी की आपूर्ति होती है शरीर की समस्त अंतः स्रावी ग्रंथियां सुचारू रूप से अपना कार्य करती हैं।
- प्रतिदिन प्रातः गुनगुने पानी ,नींबू एवं शहद का सेवन करें इससे शरीर में अम्ल एवं क्षार का संतुलन बना रहता है, आंंत की दीवारें फैलती हैं, शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं जिससे क्रमांक कुंचन गति सुचारू रूप से होती है।
- प्रतिदिन पालक ,चुकंदर ,नारियल पानी या आंवले के जूस का सेवन करें इससे शरीर में अम्ल एवं क्षार का संतुलन बना रहता है ,शरीर के सभी अंग सुचारू रूप से अपना कार्य करते हैं, विटामिन बी 12 की प्राप्ति होती है।
- प्रतिदिन भोजन में 50% ताजे मौसमी फल 35% हरी पत्तेदार सब्जियां 10% साबुत अंकुरित अनाज, 5% सूखे मेवे का सेवन खूब चबा चबाकर करें, यह हल्के एवं सुपाच्य होते हैं, संतुलित मात्रा में शरीर को पोषण प्राप्त होता है, अंग सुचारू रूप से अपना कार्य करते हैं.।
- प्यास लगने पर मिट्टी के घड़े में रखे हुए जल को बैठकर धीरे-धीरे सेवन करें इससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में जल की आपूर्ति होती है ,शरीर के सभी अंग सुचारू रूप से अपना कार्य करते हैं।
- सप्ताह में कम से कम 1 दिन उपवास रहें इससे शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं, पाचन अंगों को आराम मिलता है ।
- दिन में दो बार दो काली मिर्च मुंह में रखकर चूसें। लंबे समय तक रोजाना काली मिर्च चूसकर खाने से हकलाना और तुतलाना ठीक हो जाता है।
- एक चम्मच सौंफ को कूटकर एक गिलास पानी में उबाल लें। एक कप रह जाये तब छानकर इसने मिश्री और एक कप पानी मिलाकर पिए। यह रोजाना रात को सोते समय कुछ दिन लगातार पीने से हकलाना ठीक होता है।
- प्रतिदिन सुगंधित पुष्पों से युक्त बगीचे में प्रसन्न होकर नंगे पाव टहलें, मन शांत एवं तनाव मुक्त रहता है।
- पढ़ने या बोलने की बाधा को कम करने के लिए कुछ भी पढ़ने का अभ्यास करें।
- इसकी मदद से आपके हकलाने की समस्या दूर होगी। इस व्यायाम के लिए सबसे पहले कोई भी बुक लें और बिना किसी रुकावट के उसे जल्दी जल्दी पढ़ते जाएँ।
- किसी भी शब्द को जल्दी जल्दी पढ़ने से आपकी झिझक खुलेगी।
- अच्छा पढ़ने की बजाए जल्दी जल्दी पढ़ने को प्राथमिकता दें।
- गलत पढ़े जाने वाले शब्दों पर बिल्कुल न रुके और न ध्यान दें।
- यह व्यायाम 2-3 महीने के लिए जारी रखें। इससे भाषण के सभी अवरोधों को ठीक करने में मदद मिलेगी।
निषेध -जानवरों से प्राप्त भोज्य पदार्थ, चाय, काफी ,चीनी ,मिठाईयां ,नमक ,नमकीन ,ठंडे पेय पदार्थ, डिब्बाबंद भोज्य पदार्थ, रात्रि जागरण ,क्रोध, ईर्ष्या , चिंता ,तनाव सोने से 2 घंटे पहले मोबाइल, टेलीविजन ,कंप्यूटर का प्रयोग।
Build self confidence by reading books. You don’t have to prove to others and impress them. You are fine the way you are. Practice talking to yourself in the Mirror and understand the rate of flow of thoughts to the brain and mouth. It works well. Speech therapy works, in many cases I have seen that you just have to understand the rate of flow of thoughts and speech coordination without worrying about quality of delivery. Practice Pranayama under a trained teacher - Kapalabhatti (cleansing breath), Brahmari (bee breath), Sitkari (cooling pranayam), and Anuloma-Viloma (breathing from alternate nostrils), Simha kriya / lions breath or pranayama are effective yogato help. Practicing meditation is also an effective form of yoga to cure symptoms. When you sit in dhyana, for days together, just close your eyes and mentally count from 500-1, and if you become good at it, 1000-1. Just focus and train urself to focus in the counting. This will help the thoughts to stabilise it’s rate.
Beyond all this, for the messages in the brain to work and comms to work better, you need a clean GUT. For that to happen, you need to remove all animal foods in ur life, sugar and such junk and include a lot of raw fruits veggies and greens like main food. Add one cooked for dinner without any oil. You should be fine with practice of the above. You will get better because a person i know had it and she is way better than many of us in her career and is a success. She gets way better appreciations than her normal speaking colleagues. It’s your knowledge that matters and how less conscious you are about impressing others. Who cares what others think about u? Just focus on being satisfied and raising your own bars about impressing yourself with the progress u make . Success will come only when you achieve happiness and contentment about yourself irrespective of who and what you are. Look around people with far more issues than you. Time and practice will make you better . Go try !
Hello :)
I understand how you feel, and especially when the confidence goes low it feels like everything around you and yourself is falling apart. If you want to correct your stammering there are many things you can try, the foremost is change the structure of your thoughts to first be grateful always. Stammering condition can be corrected if you are able to correct your thought patterns and believe that there will be a day when you will completely be fine and free from stammering. You can with this positive thought pattern, practice everyday, imagine giving a presentation without stammering and clap for yourself. Also, practice giving presentation though you are the only one in the room, you need to repeatedly imprint this positive image on your subconscious mind for atleast 1-3 months till it becomes permanent.
Have faith and be strong, accept stammering as a problem, but also see yourself as a new version of how you would feel when you are completely free from this challenge.
Your subconscious mind is very powerful and to make it more powerful and clean your system, eat plant based foods and enjoy your lifestyle by exercising and being positive all the time.
You can naturally release happy chemicals such as Serotonin, Dopamine, Oxytocin and Endorphins by being positive, doing good, being grateful, staying among happy people and exercising daily.
So kindly follow this dose to be happy and cheerful in life.
Stay Blessed and Merry
Praveen Kumar
01:20 PM | 05-05-2021
That's really wonderful piece of advise madam..! Thanks for that encouraging and motivational thoughts god bless you..🙏
Reply1 |
Dr. Khushbu Suthar
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Ruby
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Irvind Kaur
09:32 PM | 06-05-2021
Good information thanks mam
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