Loading...

Q&A
01:51 PM | 06-04-2020

Hii I hv frequent urination at night due to which I m unable to sleep. I hv multiple stones in both kidneys is my bladder over active or other?

The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

Read more
Post as Anonymous User
2 Answers

07:42 PM | 07-04-2020

Hello User, 

We can understand that frequent urination is troubling you with the pain you are suffering from, the most important thing here that if you deal with all these issues in harmony and natural way the chances of relapse of stones will be less. Your bladder is not overactive it is showing symptoms of the disease.

Dehydration, poor diet and sedentary lifestyle are the main causes of kidney stone formation. It is time that we take an initiative towards it and heal your stones in a healthy natural way.

So, the best way to deal with kidney stones to take care of oneself with diet, exercise, meditation, and sleep.

Eat:

The first thing in the morning is to start your day with something light in nature. Easy to digest is what your breakfast should be because they are the kind of nutrients that get absorbed easily. Even the early morning ritual should include consumption of two-three glasses of warm water will help in flushing out all the toxins.

  • Vitamin C rich diet like oranges, mosumbi, lemons, sprouts, bell peppers helps in dissolving stones.
  • Daily after two of your afternoon meal, have one inch of ginger boiled in one cup of water and add 5-6 basil leaves for dissolving kidney stones.
  • Drink plenty of water but only during day time, avoid after 7 pm.
  • No-salt intake.
  • Bananas that are high in potassium content prevent stone formation.

​​Exercise:

  • Pranayam helps in detoxifying the body. Practicing it early morning in an area that has good sunlight will help in improving blood circulation.
  • Suryanamaskar, daily 12 sets will help in increasing the blood circulation of your body.
  • Ushtrasana, Uttanpadasana, Balasana, these asanas are really helpful for kidney stone relief.

Meditation:

In any kind of disease, stress comes complementary to it. But with our assurance and positive attitude, we can treat anything. The best thing to start with is breathing mindfully before sleeping with the help of music to stay positive. In a room take a bowl of water and add two-three drops of orange or lavender essential oil. This will help in soothing you and the aroma will relax you and keep you away from any kind of disease.

Use a 15-minute relaxation technique before sleep by hearing a piece of soothing music and deep breathing will help in relaxing your mind.

A positive attitude will help you to deal with everything in life.

Sleep:

Sleeping for at least 7-8 hours is really helpful in dealing with any problem. Sleep is our body's natural response and helps the body to heal. Sleep relaxes the muscles and strengthens our body. During sleep, our body goes into a repair mechanism where it heals itself.

Hopefully, these suggestions will help you.

Thank you.

02:33 PM | 08-04-2020

Thanks a lot

Reply


11:44 AM | 08-04-2020

हेलो,
कारण - किडनी में पथरी होनेे की वजह से बार बार पेशाब आना स्वभाविक है। किडनी और मूत्राशय में पथरी होने के कारण बार-बार पेशाब हो सकता है। यह स्वभाविक है। बार बार पेशाब करने से रात की नींद खराब होती है। फल सब्जी सलाद खाने से किडनी की पथरी निकल जाएगा। क्योंकि अम्ल की अधिकता से ही पथरी का निर्माण होता है। पाचन तंत्र के स्वस्थ होते ही पथरी ठीक हो जाएगा। 
सुपाच्य पानी जो कि फल और सब्जी में 90% होता है वह फल और सब्जी के जरिए जो पानी शरीर में जाता है उसको पचाने में शरीर को मेहनत नहीं करना पड़ता है और उसका वेस्टेज बहुत कम होता है। यानी उससे मूत्र ज्यादा नहीं बनता है। शरीर की पानी की जरूरत पूरी हो जाती है। इसकी जगह पर अगर पानी पीते हैं उसको पचाने में किडनी को प्रेशर पड़ता है और उस पानी का वेस्टेज 90% होता है। शरीर को उसका पोषक तत्व नहीं मिल पाता है। किडनी पर उसका बुरा प्रभाव पड़ता है। प्राकृतिक जीवन शैली को अपनाकर पूर्ण स्वास्थ्य पाया जा सकता है।
समाधान - 1. किसी भी संक्रमण के स्तिथि में मेरुदंड स्नान काफी लाभकारी होता है यह हमारे स्नायु तंत्र को स्वस्थ रखता है । एक मोटा तोलिया लेकर उसको भिगो दें बिना निचोड़े योगा मैट पर बिछाए और उसके ऊपर कमर से लेकर के कंधे तक का हिस्सा रखें। उस गीले तौलिए पर रहे 20 मिनट के बाद इसको हटा दें। ऐसा करने से आप का मेरुदंड में ब्लड और ऑक्सीजन का सरकुलेशन ठीक हो जाएगा।

2. पेट पर एक गीला तोलिया निचोड़ कर बांधे 20 मिनट बाद उसको हटाए ऐसा करने से पाचन तंत्र की स्वास्थ्य में सुधार की शुद्धि आएगी। शरीर में अम्ल का प्रभाव कम होगा।

3. बेलपत्र और दूब घास का जूस सुबह खाली पेट ले 4 से 5 बेलपत्र को पीसकर 200ml पानी मिलाकर छान लें और इसको मुंह में 40 गिनने तक रख कर पिए।

 ऐसे ही दूब घास भी 20 ग्राम लेकर मिक्सी में पीस लें 200ml पानी मिलाकर छान लें और इसे भी मुंह में 40 गिनने तक रख कर पिए। 

4. हर 3 घंटे में लंबा गहरा श्वास अंदर लें उसको थोड़ी देर रोकें और फिर सांस को खाली करें। खाली करने के बाद फिर से रुके और फिर लंबा गहरा सांस ले। यह एक चक्र है ऐसा दिन में 10 चक्र करें केवल एक शर्त का पालन करें जब आप लंबा गहरा सांस ले रहे हैं तो अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें ऐसा करने से आपके शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा का बढ़ेगी और ऑक्सीजन का संचार सुचारू रूप से हो पाएगा।

5. सूर्य की रोशनी में 20 मिनट का स्नान सूर्य की रोशनी से करें 5 मिनट सामने 5 मिनट पीछे 5 मिनट दाएं 5 मिनट बाएं भाग में धूप लगाएं।दुख हमेशा लेट कर लेना चाहिए धूप की रोशनी लेते वक्त सर और आपको किसी सूती कपड़े से ढक ले। सूर्य नारी मंद होने पर  इन्फेक्शन अधिक होता है अतः आप जब भी सोए अपना दायां भाग ऊपर करके सोए। 

जीवन शैली - 1. आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।

फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।

2.वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।

3.अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।

4.जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है।

तिल के तेल रीढ़ की हड्डी पर घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक  पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। 

फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। 

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

6. एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

7. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)

02:33 PM | 08-04-2020

Thanks but I hv done all

Reply
Ruby

04:19 PM | 08-04-2020

यह लाइफ स्टाइल है थेरेपी नहीं है इसलिए इस लाइफ स्टाइल को लेकर चलना होगा इसे आप को सुधार अवश्य होगा सुधार होने में 6 से 8 10 महीने का समय लग सकता है मगर यह जो सुधार होगा या प्रतिक्रिया को बंद नहीं किया जाएगा इसमें मूल कारण पर काम करेगा शरीर खुद ही क्योंकि उसको आप फूट से अग्नि तत्व से जल तत्व से पृथ्वी तत्व से और आकाश तत्व से सपोर्ट दे रहे हो साथ में एक्सरसाइज आपको बहुत फायदा करेगा दौड़ना आपके लिए काफी लाभकारी है दौड़ एंगे तो ऑक्सीजन और रक्त का प्रॉपर संचार हो सकेगा।टोटल एप्रोच रखना जरूरी है कोई भी अंग शरीर का अलग नहीं है शरीर का ही हिस्सा है तो पाचन तंत्र स्वस्थ रहेगा तो शरीर के हर हिस्से में उसका स्वास्थ्य दिखेगा।



Scan QR code to download Wellcure App
Wellcure
'Come-In-Unity' Plan