Hello, I am 32 years old female. In February I had suffered a panic attack and was hospitalized for 2 days. Back then I did not know what I was going through. After that I am suffering from constant anxiety and fear. The situation has improved a lot from what it was before but still I suffer from palpitations and fear. The idea of falling sick or hospital makes me anxious. Also I suffer from lower back ache. My vit d and b12 was extremely low and I have fatty liver. Can u please help me?
The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.
Read moreHello User,
The best advice for suffering from anxiety is taking a natural way to treat it. Going the natural way will only help in treating the episode but will also help in preventing it. As the stressors in today's lifestyle have increased be it for a student, a person working at home, or a corporate lifestyle everything needs to be tackled in a healthy manner. A lifestyle filled with green vegetables, fruits, exercise, and meditation is what is needed.
The reason you are also suffering from nutritional deficiency and the liver problem is because of this same issue where you are not able to absorb nutrients due to bad dietary habits. The episode of anxiety can also be dealt with easily in this manner.
Eat:
Start the day with two-three glasses of warm water, this will help in flushing out the toxins and improving the state of metabolism by increasing it.
- The inclusion of a vegetable juice in your breakfast will help in giving the right amount of energy for the day.
- The next thing is going for a head massage, daily at night massage the head with coconut oil and aloe vera gel, this will help in soothing the nerves and reduce the episode of anxiety.
- Increasing Vitamin B12 and minerals in the diet will help in treating mood disorders. Chia seeds, flax seeds, pumpkin seeds, walnuts, almonds are a good source of vitamin B 12.
Exercise:
Taking a brisk walk in the early morning sun rays helps in treating all the problems, as the sun helps in treating the mood and freshen us for the whole day. Early morning walk is recommendable.
Even Suryanamaskar will help in treating the mental issues and will help in dealing with all problems, 12 sets a day is recommendable. If you are a beginner start with 6 and increase it.
Sitting in an area where you have a good amount of sunlight is highly beneficial this will correct your backache which is due to low vitamin D. Morning sun rays help.
Meditation:
Stop using the gadget on hour before sleep, you can use a fragrant diffuser where you can use essential oils, and then with the smell itself, you will start feeling calm. The next thing is to take 10 long deep breaths, and allowing your body to relax, any thought which comes let it go do not resist.
Saying the affirmation, I am healthy and happy" release each breath. This will help a lot in calming you.
Sleep:
Sleep is a very important part of treating any mental symptom, a sleep cycle of 90 minutes should be completed in order to get a sound body. This sleep cycle should be repeated 5 times. This makes 7-8 hours of healthy sleep. This will make your body and mind strong and refreshing.
Hopefully, these suggestions will help.
Thank you.
Namaskar!
As is evident from your query you seem to be facing multiple health issues both at physical as well as mental level.
To begin with, please understand that as per Nature Cure approach the body is seen as a whole unit and therefore any health issue (physical/mental) is concerned with the overall functioning and internal state of balance. Owing to wrong lifestyle choices, toxins get accumulated in the body and disrupt the internal balance. Our gastrointestinal tract ( GI Tract or GUT) is a long tube inhabited by millions of microbes and about 70% of our health depends on the quality of the gut. These microbes play a crucial role in communicating with the brain. When the sensitive balance of gut flora (microbes) is disturbed it affects our mental health too.
If we support the body with the right inputs in terms of food as well as non-food elements (like sleep, exercise, relaxation etc.) we can prevent and heal physical as well as mental health issues. We would thereby encourage you to adopt a natural lifestyle to deal with your condition. You can explore our Nature-Nurtures Program that helps you in making the transition, step by step.
Also, we would also like to guide you to a few resources -
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Blog -- Tension, anxiety and depression - Deal with it naturally
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Real-life natural healing stories of people who could take care of their anxiety just by following Natural Laws
We wish you the best of health.
Regds
Team Wellcure
हेलो,
कारण - 1. मस्तिष्कक में ऑक्सीजन और रक्त का संचार ठीक प्रकार से नहीं हो पा रहा है और इससे मानसिक रोग उत्पन्न होता है। रक्त और ऑक्सीजन के संचार में कमी होने का मुख्य कारण पाचन तंत्र में अम्ल का बढ़ना है। जैसे वायुमंडल में हवा दूषित होने पर ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है उसी तरीके से शरीर में अम्ल की मात्रा बढ़ने से ऑक्सीजन और रक्त की संचार में कमी आती है।
2.हमारे शरीर का बनावट इस तरीक़े से है कि कोई भी विटामिन की कमी नहीं हो सकती है। शरीर में अम्ल अधिक होने से ऐसा होता है। मिनरल की कमी के प्यास अधिक लगती है। हाज़मा ठीक होने पर क़ब्ज़ होता है। जो भी खाना देर तक पचता नहीं हैं वह शरीर के ऊर्जा और मिनरल को अधिक ख़र्च करता है। शरीर में अधिक अम्ल बनाता है जो की शरीर में मौजूद विटामिन पर एक आवरण बना लेता है जैसे संघनन की क्रिया से पानी का भाँप बादल बन जाता है आसमान में तो सूर्य को भी छुपा देता है।
3. लिवर (जिगर) हमारे शरीर का एक मुख्य आंतरिक अंग होता है, जो शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि और दूसरा सबसे बड़ा अंग होता है। लिवर पित्त का निर्माण करता है, जो वसा के टूटने में मदद करता है। यह रक्त के डिटाक्सिफिकैशन में भी मदद करता है। एक सामान्य लिवर में कुछ फैट ज़रूर होता है, लेकिन कभी-कभी लिवर की कोशिकाओं में अनावश्यक फैट की मात्रा बढ़ जाती है। खराब हाजमा के कारण शरीर इस स्थिति में पहुंचता है।
प्राकृतिक जीवन शैली को अपनाकर इसे पूर्ण रूप से ठीक किया जा सकता है इसको ठीक होने में 8 से 10 महीने का समय लग सकता है।
समाधान- 1. सर पर जब इस तरीके की समस्या देखी जाती है तो हमारी सलाह होती है कि सर पर सूती कपड़ा बाँध कर उसके ऊपर खीरा और मेहंदी या करी पत्ते का पेस्ट लगाएँ, नाभि पर खीरा का पेस्ट लगाएँ।पैरों को 20 मिनट के लिए सादे पानी से भरे किसी बाल्टी या टब में डूबो कर रखें।
2. खानपान में मुख्य रूप से गहरे हरे रंग के पत्तों का जूस बहुत ही फायदेमंद होता है। गहरे हरे रंग के पत्तों में क्लोरोफिल होता है और ऑक्सीजन की संचार में यह बहुत ही मददगार साबित होता है।
3. सूर्य की रोशनी में 20 मिनट का स्नान सूर्य की रोशनी से करें 5 मिनट सामने 5 मिनट पीछे 5 मिनट दाएं 5 मिनट बाएं भाग में धूप लगाएं।दुख हमेशा लेट कर लेना चाहिए धूप की रोशनी लेते वक्त सर और आपको किसी सूती कपड़े से ढक ले। यह पाचन क्रिया को स्वस्थ करेगा।
4. प्रतिदिन आप ख़ुद को प्यार दें अपने बारे में 10 अच्छी बातें कोरे काग़ज़ पर लिख कर और प्रकृति को अपने होने का धन्यवाद दें।
मानसिक समस्या भी इसी शरीर की समस्या है सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि हम किसी भी परिस्थिति में सकारात्मक सोंच रखते हैं या नकारात्मक।
प्राकृतिक जुड़ाव आपको सकारात्मक सोंच प्रदान करेंगी क्योंकि प्राकृतिक जीवन शैली अपने आप में पूर्ण भी है और जीवंत भी है। पाँच तत्व से प्रकृति चल रही है और उसी पाँच तत्व से हमारा शरीर चल रहा है।
हर 3 घंटे में लंबा गहरा श्वास अंदर लें उसको थोड़ी देर रोकें और फिर सांस को खाली करें। खाली करने के बाद फिर से रुके और फिर लंबा गहरा सांस ले। यह एक चक्र है ऐसा दिन में 10 चक्र करें केवल एक शर्त का पालन करें जब आप लंबा गहरा सांस ले रहे हैं तो अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें ऐसा करने से आपके शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा का बढ़ेगी और ऑक्सीजन का संचार सुचारू रूप से हो पाएगा। दौड़ लगाएं और योगनिद्रा सुने। यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अनिवार्य है।
5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ash guard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक पत्ते धो कर पीस कर 100 ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।
फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल सूखे फल नाश्ते में लें।
दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ash guard) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ।
लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।
रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।
6. एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।
हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।
7. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200 ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।
धन्यवाद।
रूबी,
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
Hi. I would suggest you learn more about Nature Cure. The underlying philosophy of NC is that the body's default mode is to keep you in good health. The body heals itself. The only time this doesn't happen is when we are not living a life in alignment with Natural Laws.
As you understand more about this, you will be able to make meaningful changes in your life & there will be no place for any anxiety or deficiencies or other health issues.
There is an e-learning course by Kalyan Sarkar on the science of natural healing. You can explore it here -https://elearning.wellcure.com/naturecurecourse.
Go through the Journeys section on Wellcure. It will give you a lot of comforts to know about the real-life experiences of people. If you want personal counseling on how to adopt a natural lifestyle, you can do so through the Nature Nurtures Program - https://www.wellcure.com/body-wisdom/339/nature-nurtures-program-wellcure-your-natural-health-coach.
Wish you all the best.
Regds
Anchal
1 |
Dr. Khushbu Suthar
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Natural Healing - Leader & Influencer
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2 |
Ruby
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3 |
Smitha Hemadri
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Nikita Mishra
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5 |
Hema
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