शादी के बाद मेरे पिरीयड्ज़ बहुत इरेग्युलर हो गए है ओर मुझको pcod की प्रॉब्लम भी नहीं है में 27 साल की हूँ मुझको कोई सुझाव दें पिरीयड्ज़ रेगुलर कैसे कर सकती हूँ
The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.
Read moreHello Isha,
Any disease can make you pre-dispose to another, because of your lifestyle continuation, if you take care of your lifestyle at this moment than there are definite chances that you get your self treated well. If we put in the definition of medical science having a flow from 2-5 days is completely normal. If it is according to the genetic issues, like your mother and sisters have been having the same flow and might have considered the same PCOS pattern (though you have mentioned you do not suffer from it) then we have to take care of your lifestyle at this stage.
In any case, the cure remains the same, which is a holistic cure in nature's way.
Eat:
- Start with food items like jaggery, dates, sprouts, green leafy vegetables which help in increasing iron content as well as regularise our menstrual cycle.
- Vitamin C addition helps in easy-iron absorption, for example adding lemon in dals.
- Include one fruit like apple, papaya, a banana a day to have a healthy GUT.
- Eating methi seeds with warm water also helps in healthy periods.
- You can also have cinnamon water, empty stomach as it helps in insulin sensitivity.
Exercise:
- Sleep on your back, raise your one leg, and start rotating in a circular motion for 5 times and place it back, repeat the same with another leg. This will elevate your uterine muscles.
- Squats are another exercise to improve uterine health. Do it 15-20 times at one time.
- Sit and take 10-15 long deep breaths from the abdomen, to release all the toxicity.
Meditation:
While sleeping, take a bowl of water. Put two-three essential oil drops like lavender or orange and inhale it. It will help in calming nerves and discomfort during periods. Listen to music for 15 minutes by closing your eyes and deep breathing, this will help in treating stress.
Sleep:
Sleep should be of 7-8 hours, sound. This will help in releasing all stress and healthily treat all the issues. It is time to get yourself healthy and wise.
Hopefully, these suggestions will be helpful
Thank you
हेलो,
कारण - शादी के बाद महिलाएं सेक्सुअली रूप से अधिक एक्टिव हो जाती हैं जिससे ज्यादातर महिलाएं रोज सेक्स करने और अनचाही प्रेगनेंसी से बचने के लिए गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती हैं। इसकी वजह से महिलाओं का मासिक धर्म अनियमित हो जाता है।
गर्भनिरोधक गोलियां हार्मोन्स को गड़बड़ कर देती हैं जिसके कारण शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ जाता है और हार्मोन असंतुलन की समस्या उत्पन्न हो जाती है। यही कारण है कि महिलाओं का पीरियड देरी से आता है या मासिक धर्म चक्र अनियमित हो जाता है। इसके अलावा स्ट्रेस और माहौल का बदलना भी एक कारण माना गया है मानसिक और शारीरिक बदलाव भी कारण है।
प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को अपनाकर इस समस्या से निजात पाया जा सकता है।
समाधान- 1. ऐसा खाना जो कि देर तक पछता नहीं है उसका त्याग करें। जैसे दूध, गेहूं, मैदा, रिफाइंड नमक और रिफाइंड शुगर और पैकेट फूड।
फल, सब्जी, और कच्ची सब्जी का जूस को प्रतिदिन ले।
ऐसा करने से पाचन शक्ति मजबूत होगा और आंतों की सफाई हो पाएगी।
2. सूर्य की रोशनी में 20 मिनट का स्नान सूर्य की रोशनी से करें 5 मिनट सामने 5 मिनट पीछे 5 मिनट दाएं 5 मिनट बाएं भाग में धूप लगाएं। धूप लेट कर लेना चाहिए धूप की रोशनी लेते वक्त सर और आपको किसी सूती कपड़े से ढक ले। नारी मंद होने पर इन्फेक्शन अधिक होता है अतः आप जब भी सोए अपना दायां भाग ऊपर करके सोए।
3. प्रतिदिन अपने पेट पर खाने से 1 घंटे पहले या खाना खाने के 2 घंटे बाद गीले मोटे तौलिए को लपेटे एक तौलिया गिला करके उसको निचोड़ लें और हूं उस तौलिए को 20 मिनट तक अपने पेट पर लपेटकर रखें ऐसा करने से आपका पाचन तंत्र दुरुस्त होगा।
अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए।
स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है।
तिल के तेल रीढ़ की हड्डी पर घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।
4. हर 3 घंटे में लंबा गहरा श्वास अंदर लें उसको थोड़ी देर रोकें और फिर सांस को खाली करें। खाली करने के बाद फिर से रुके और फिर लंबा गहरा सांस ले। यह एक चक्र है ऐसा दिन में 10 चक्र करें केवल एक शर्त का पालन करें जब आप लंबा गहरा सांस ले रहे हैं तो अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें ऐसा करने से आपके शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा का बढ़ेगी और ऑक्सीजन का संचार सुचारू रूप से हो पाएगा।
5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ash guard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक पत्ते धो कर पीस कर 100 ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।
फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल सूखे फल नाश्ते में लें।
दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ash guard) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ।
लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।
रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।
6. एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।
हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।
7. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200 ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।
धन्यवाद।
रूबी,
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
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Isha Jain
03:17 PM | 17-06-2020
Thanks
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