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Q&A
02:18 PM | 17-06-2020

I was following Ketogenic diet last year for three months and lost 12 Kg’s. More than the weight, I was happy to see the stubborn fat in my troubled areas - calves, thighs, butts melt away. Now more than the weight, I hate to see the love handles, fat on the troubled areas creeping back. I eat thoughtfully, but do not want to eliminate any food group. I try to limits my carbs, but maybe as I am suffering from hypothyroid, the carbs create havoc with my fat loss with healthy eating! Pls guide.

The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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2 Answers

12:05 PM | 19-06-2020

Hello User,

Let us start with an understanding of healthy food and diet, a balanced diet comprises of all three components fats, proteins, and carbohydrates in good proportion so as to fulfil each's function. When you have good plant-based carbohydrates there is a surety it won't create negative effects on your body.

As you have a background history of suffering from hypothyroid. These are due to what we have been putting in our body, which is eating a tamasic diet(adulterated, rotten and unhealthy junk is considered as tamasic).In this case, when we load our body with this kind of food, our metabolism becomes sluggish, and hence, "hypo" thyroid happens. Here, our body starts pushing on more to reach an optimal level of functioning.

When this high fat gets accumulated in the blood vessel it starts putting more pressure on the blood to reach all the parts of the body. The main thing here is, it should be about everything, food, meditation, sleep and exercise which amalgamate for good health and reach your optimal solution.

Eat:

The first thing in the morning is to start your day with something light in nature. Easy to digest is what your breakfast should be because they are the kind of nutrients that get absorbed easily. Even the early morning ritual should include consumption of two-three glasses of warm water will help in flushing out all the toxins.

The ideal diet would be to depend on fruits and raw vegetable intake for at least one month and refrain from something oil-based.

  • One inch of ginger boiled in two cups of water with one tablespoon lemon, boil them for 5-10 minutes. Consume this mixture during evening time to accelerate metabolism.
  • High selenium diet which is walnuts, mushroom, etc helps to increase the function of the thyroid.
  • The early morning ritual should include consumption of two-three glasses of warm water with one teaspoon of methi seeds, which will help in flushing out all the toxins and this will accelerate weight loss.
  • Have a bowl of sprouts with a glass of bottle guard juice and an inch of ginger.
  • After two hours, one fruit, especially seasonal fruit like oranges, papaya, guava.
  • Lunch should have one buckwheat flour roti with any oil-free vegetable.
  • Snack in the evening should have almonds and walnuts, apricots.
  • Dinner should be done by 7 with soup, a bowl full of raw vegetable salad.

This diet will help you in toning up your body.

​​Exercise:

  • Pranayam helps in detoxifying the body. Practicing it early morning in an area that has good sunlight will help in improving blood circulation.
  • Suryanamaskar, daily 12 sets will help in increasing the blood circulation of your body.
  • Cat and Cow pose helps in increasing the function of the thyroid gland.

Meditation:

In any kind of disease, stress comes complementary to it. But with our assurance and positive attitude, we can treat anything. The best thing to start with is breathing mindfully before sleeping with the help of music to stay positive. In a room take a bowl of water and add two-three drops of orange or lavender essential oil. This will help in soothing you and the aroma will relax you and keep you away from any kind of disease.

Use a 15-minute relaxation technique before sleep by hearing a piece of soothing music and deep breathing will help in relaxing your mind.

A positive attitude will help you to deal with everything in life.

Sleep:

Sleeping for at least 7-8 hours is really helpful in dealing with any problem. Sleep is our body's natural response and helps the body to heal. Sleep relaxes the muscles and strengthens our body. During sleep, our body goes into a repair mechanism where it heals itself.

Hopefully, these suggestions will help you.

Thank you.

10:14 PM | 19-06-2020

Thank you so much Dr Khushboo. Really appreciate your advise and will do my best to follow the routine that you have advised.

Reply


11:54 AM | 18-06-2020

हेलो,
कारण - हाइपोथायरायडिज्म को अंडरएक्टिव थायराइड रोग भी कहा जाता है। यह एक सामान्य विकार है। यह तब होता है जब आपकी थायरॉयड ग्रंथि पर्याप्त थायरॉयड हार्मोन नहीं बना पाती है।

हाइपोथायरायडिज्म से हृदय से संबंधित रोगों के होने का जोखिम भी बढ़ जाता है। शरीर के किसी भी हिस्से को स्वस्थ रखने के लिए सही खुराक सही तरीके से लेना आवश्यक होता है क्योंकि यह 70% हमारा शरीर जल से बना हुआ है ऐसा जल जो कि फल सब्जियों में मिलता है। किसी भी आहार शैली को अपनात

 वक्त यह ध्यान में रखें कि आपका एक बार का भोजन केवल फल  हो, एक वक़्त का भोजन केवल कच्ची सब्जियों का सलाद हो, एक वक्त के पके हुए खाने में कोई भी अनाज सब्जियों के साथ खा सकते हैं। प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के अनुसार किसी भी रोग के केवल दो ही कारण होते हैं। निष्कासन में अवरोध और खराब हाजमा ऐसा ही इस रोग के कारण है लंबे समय तक खराब हाजमा होने के कारण हमारे  थायराइड ग्रंथि में दोष उत्पन्न हो जाता है।

समाधान- 1. ऐसा खाना जो कि देर तक पछता नहीं है उसका त्याग करें। जैसे दूध, गेहूं, मैदा, रिफाइंड नमक और रिफाइंड शुगर और पैकेट फूड।

फल, सब्जी, और कच्ची सब्जी का जूस को प्रतिदिन ले।

ऐसा करने से पाचन शक्ति मजबूत होगा और आंतों की सफाई हो पाएगी। 

2.  सूर्य की रोशनी में 20 मिनट का स्नान सूर्य की रोशनी से करें 5 मिनट सामने 5 मिनट पीछे 5 मिनट दाएं 5 मिनट बाएं भाग में धूप लगाएं। धूप लेट कर लेना चाहिए धूप की रोशनी लेते वक्त सर और आपको किसी सूती कपड़े से ढक ले। नारी मंद होने पर  इन्फेक्शन अधिक होता है अतः आप जब भी सोए अपना दायां भाग ऊपर करके सोए। 

3. प्रतिदिन अपने पेट पर खाने से 1 घंटे पहले या खाना खाने के 2 घंटे बाद गीले मोटे तौलिए को लपेटे एक तौलिया गिला करके उसको निचोड़ लें और हूं उस तौलिए को 20 मिनट तक अपने पेट पर लपेटकर रखें ऐसा करने से आपका पाचन तंत्र दुरुस्त होगा।

 अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है।

तिल के तेल रीढ़ की हड्डी पर घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

4. हर 3 घंटे में लंबा गहरा श्वास अंदर लें उसको थोड़ी देर रोकें और फिर सांस को खाली करें। खाली करने के बाद फिर से रुके और फिर लंबा गहरा सांस ले। यह एक चक्र है ऐसा दिन में 10 चक्र करें केवल एक शर्त का पालन करें जब आप लंबा गहरा सांस ले रहे हैं तो अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें ऐसा करने से आपके शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा का बढ़ेगी और ऑक्सीजन का संचार सुचारू रूप से हो पाएगा।

5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ash guard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक  पत्ते धो कर पीस कर 100 ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। 

फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ash guard) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। 

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

6. एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

7. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200 ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)

10:21 PM | 19-06-2020

Hello,
Thank you for your detailed guidance. Very scientific. I will definitely try to incorporate it.
Really appreciate your therapy.
Regards.

Reply

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