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Q&A
01:13 PM | 17-07-2020

What can be the reason for stiffness in the collarbone and neck?

The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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2 Answers

01:12 PM | 20-07-2020

हेलो,
कारण - कॉलर बोन को क्लेविकल (Clavicle) भी कहा जाता है, यह ब्रेस्ट बोन (सीने की हड्डी) के ऊपरी हिस्से और कंधे की हड्डी से जुड़ी होती है।शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द का मुख्य कारक होता है शरीर में बढ़ा हुआ अम्ल शरीर का हाजमा खराब होने पर हमारे शरीर में अम्ल की अधिकता हो जाती है शरीर में अम्ल की अधिकता होने पर रक्त संचार में कमी आती है और यह दर्द का कारक बनता है।
समाधान -1. गहरे हरे रंग के पत्तों का जूस बहुत ही फायदेमंद है 25 से 30 ग्राम पालक के पत्ते या धनिया के पत्ते या पुदीना के पत्तों को पीसकर उसमें 200 ml पानी मिलाएं। खाली पेट इसको पिए यह काफी लाभकारी है इसके जगह पर दूब घास, बेलपत्र, का जूस भी बहुत लाभकारी है

2. सूरज की रोशनी में सर और आंख को ढककर 20 मिनट के लिए लेटे पांच 5 मिनट आगे पीछे दाएं बाएं धूप की रोशनी लें। यह प्रक्रिया इस रोग में काफी लाभकारी साबित होगा।

मानसिक और शारीरिक क्रियाओं में संतुलन लाए। दौड़ना,  बैडमिंटन खेलना, योगासन करना,  प्राणायाम करना बहुत ही फायदेमंद है। प्रतिदिन आधे घंटे के लिए इन क्रियाओं में संलग्न हो।

3. खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।

मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।

4. मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। 

अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है।

कपूर मिश्रित नारियल तेल से त्वचा के उस हिस्से की मालिश करें जहां पर समस्या है।  घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक  पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।

फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ash guard) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। 

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

6.सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें।अपने खाने में सेंधा  नमक दिन में एक बार केवल पके हुए खाने में लें। क्योंकि नमक शरीर के मिनरल  को सोख लेती है। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।

7.एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

8.उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200 ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)



01:11 PM | 20-07-2020

Hello User,

As collarbone and neck both come into the cervical region, the stiffness can be due to cervical spondylosis. Cervical spondylosis is an inflammatory reaction which reduces the flexibility of the spine by fusing the small bones. According to our body, it is a functional change. But the natural cause is the accumulation of all toxins.

Our blood starts reacting to the antigens, which are the result of our chronic high fat diet and sedentary lifestyle. Even bad posture is a cause of spondylitis. It is time to make some changes in the lifestyle in order to treat the condition effectively. From neck to the lower back, it has a tendency to make our spine more rigid.

Here are a few guidelines which you can keep in mind in order to heal.

Eat:

• Avoid alcohol.

• Include calcium-rich food and increase vitamin D intake to support bone health.

Practice a diet which is rich in fruits, raw vegetables and whole grains which will help in the treatment of spondylosis. Start with oranges, sweet lime, sprouts and sweet potato in order to gain immunity from Vitamin C rich food.

Limit fats, animal products, processed or mixed foods, and try to drink 8 to 10 glasses of water each day.

Exercise:

  • Daily physical activity is crucial for people with this disease. This can reduce pain and also improve your mobility, posture and helps you maintain your flexibility.
  • Practising good posture can help prevent spinal fusion in a stooped or deformed position. Not everyone will have a fusion in the spine, but practising good posture can help keep your spine in a place that looks and feels better.
  • Posture exercises should be practised daily to have the best impact on cervical to back spine. Sitting on a chair, look on the front, flex your neck downwards bring it to centre, extend upwards bring it to centre. Then slowly rotate. Do this set 10 times in order to increase circulation and your flexibility is maintained.
  • Sun salutation is only recommended until you reach the point of discomfort if there is pain, please avoid.

Massage can help you achieve that perfect mobility despite your disease. Massaging for 15-20 minutes is very important to improve blood circulation in that area. Massage with coconut or almond oil after warming it.

Meditation:

  • Practice mindful meditation.
  • Deal with your stress.
  • Allow positivity to be part of your life.

Doing 15-minute exercise before sleep about deep breathing will help in relaxing your mind, you can use music also for relaxation.

Sleep:

Sleeping for at least 7-8 hours is very important in order to completely relax. In sleep what our body does is go through is the process of repair. Relax your self by taking a water bowl and 2-3 drops of essential oil, like orange and lavender which will help in relaxing the sleep. This will aid in treating any kind of inflammation.

It is time to make ourselves healthier without disease hampering our growth.

Hopefully, these suggestions will help.

Thank you.


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