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Q&A
01:22 PM | 20-07-2020

Hello I have been diagnosed with depersonalization disorder kindly give me tips for recovery.

The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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2 Answers

12:50 PM | 21-07-2020

Hello User,

Depersonalization disorder is when the person is feeling distorted towards his own body and detached from self-being and thoughts.  It mostly happens due to stressors in outside life and even minerals that help in building a healthy neural pathway are not reaching our body. 

As the stressors in today's lifestyle have increased be it for a student, a person working at home, or a corporate lifestyle everything needs to be tackled in a healthy manner. A lifestyle filled with green vegetables, fruits, exercise, and meditation is what is needed.

The reason you are also suffering from nutritional deficiency is because of this same issue where you are not able to absorb nutrients due to bad dietary habits. The episode of compulsive overthinking can also be dealt with easily in this manner.

Eat:

Start the day with two-three glasses of warm water, this will help in flushing out the toxins and improving the state of metabolism by increasing it.

  • The inclusion of a vegetable juice in your breakfast will help in giving the right amount of energy for the day.
  • The next thing is going for a head massage, daily at night massage the head with coconut oil and aloe vera gel, this will help in soothing the nerves and reduce the episode of moods.
  • Increasing Vitamin B12 and minerals the diet will help in treating mood disorders. Chia seeds, flax seeds, pumpkin seeds, walnuts, almonds are a good source of vitamin B 12.

Exercise:

Taking a brisk walk in the early morning sun rays helps in treating all the problems, as the sun helps in treating the mood and freshen us for the whole day. Early morning walk is recommendable.

Even Suryanamaskar will help in treating the mental issues and will help in dealing with all problems, 12 sets a day is recommendable. If you are a beginner start with 6 and increase it.

Meditation:

Stop using the gadget on hour before sleep, you can use a fragrant diffuser where you can use essential oils, and then with the smell itself, you will start feeling calm. The next thing is to take 10 long deep breaths, and allowing your body to relax, any thought which comes let it go do not resist.

Saying the affirmation, I am healthy and happy" release each breath. This will help a lot in calming you.

Communication helps a lot, please talk to people around you and express yourself healthily it will definitely solve the problem.

Sleep:

Sleep is a very important part of treating any mental symptom, a sleep cycle of 90 minutes should be completed in order to get a sound body. This sleep cycle should be repeated 5 times. This makes 7-8 hours of healthy sleep. This will make your body and mind strong and refreshing.

Hopefully, these suggestions will help.

Thank you.



12:53 PM | 21-07-2020

हेलो,
कारण - मानसिक स्वास्थ्य विकार दोहरा व्यक्तित्वव का होना इस बात का सूचक है कि ऑक्सीजन  और रक्त का संचार ठीक प्रकार से नहीं हो पा रहा है। रक्त और ऑक्सीजन के संचार में कमी होने का मुख्य कारण पाचन तंत्र में अम्ल का बढ़ना है। जैसे वायुमंडल में हवा दूषित होने पर ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है उसी तरीके से शरीर में अम्ल की मात्रा बढ़ने से ऑक्सीजन और रक्त की संचार में कमी आती है।

प्राकृतिक जीवन शैली को अपनाकर इसे पूर्ण रूप से ठीक किया जा सकता है इसको ठीक होने में 8 से 10 महीने का समय लग सकता है।

समाधान - 1.भ्रामरी प्राणायाम,ताड़ासन, नटराजासन

वृक्षासन,हस्तपादासन, सर्वांगासन, हलासन, पवन-मुक्तासन, अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें। योग निद्रा करें। अजपा जप करें।

2. प्रतिदिन आप ख़ुद को प्यार दें अपने बारे में 10 अच्छी बातें कोरे काग़ज़ पर लिख कर और प्रकृति को अपने होने का धन्यवाद दें।

मानसिक समस्या भी इसी शरीर की समस्या है सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि हम किसी भी परिस्थिति में सकारात्मक सोंच रखते हैं या नकारात्मक।

प्राकृतिक जुड़ाव आपको सकारात्मक सोंच प्रदान करेंगी क्योंकि प्राकृतिक जीवन शैली अपने आप में पूर्ण भी है और जीवंत भी है। पाँच तत्व से प्रकृति चल रही है और उसी पाँच तत्व से हमारा शरीर चल रहा है।

जीवन शैली - 1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें। वाद्य यंत्र शास्त्री संगीत (instrumental classical music)सुनें।

2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक टाइम पर करना है। ये दिन में चार बार करें।

अपने कमरे में ख़ुशबू दार फूलों को रखें।

3 अग्Iनि तत्व- सूर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।

4 जल तत्व- नहाने के पानी में ख़ुशबू वाले फूलों का रस मिलाएँ। नींबू या पुदीना का रस मिला सकते हैं।खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।

मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें। 

सर पर सूती कपड़ा बाँध कर उसके ऊपर खीरा और मेहंदी या करी पत्ते का पेस्ट लगाएँ,नाभि पर खीरा का पेस्ट लगाएँ।पैरों को 20 मिनट के लिए सादे पानी से भरे किसी बाल्टी या टब में डूबो कर रखें।

5 पृथ्वी-। सब्ज़ी, सलाद, फल, मेवे, आपका मुख्य आहार होगा। आप सुबह खीरे का जूस लें, खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।

दोपहर में 12 बजे फिर से इसी जूस को लें। इसके एक घंटे बाद खाना खाएँ। शाम को नारियल पानी लें फिर 2 घंटे तक कुछ ना लें। रात के सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें, नारियल की गिरि मिलाएँ।

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ।इसे बिना नमक के खाएँ, बहुत फ़ायदा होगा।सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।

6. एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

7. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200 ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)


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