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Q&A
10:21 AM | 21-09-2020

Hi! Am feel burning sensation in my feet. I am taking vit B tablets for that. What natural remedies do you suggest?


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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3 Answers

11:27 PM | 22-09-2020

Hello Nitika,

Fatigue or skin infection can cause temporary burning feet or inflamed feet. Mostly burning feet is a sign of nerve damage i.e. peripheral neuropathy. Nerve damage may be related to health problems like diabetes, hypothyroidism, heavy alcohol intake or vitamin deficiency, specially Vitamin B deficiency. 

What to do?

Some tips for pain relief 

  • Soak your feet in cold water or sometime or have ice bath for few minutes. 
  • Soak your feet in epsom salt or an apple cider solution. Don't try this if you have diabetes.
  • Give a massage to the your foot with coconut oil to improve the blood circulation. 
  • Make a paste of ginger and turmeric, and apply this paste to your feet.

Diet

  • Start the day with 3 to 4 glasses of warm water. This will help to flush out the toxins from the body. 
  • Have fresh fruits and a bowl of sprouts in your breakfast. 
  • Have soaked raisins and other dry fruits to get the easily absorbable nutrients. 
  • Drink freshly prepared homemade fruit juices. 
  • Include whole grains like  barley, millets, oats, etc to your diet.

Yoga

Yoga helps to improve the blood circulation in the whole body and will help to get rid of pain and burning sensation. 

  • Do paschimottan asana and ardha chakra asana.
  • Practice parvata asana and bhujanga asana. 
  • Do pranayam regularly for 15-20min, specially anulom-vilom and kapalbhati pranayam. 

Sleep

Sleep early at night at around 10pm and also wake up early in the morning at around 6am.

Avoid using electronic gadgets like mobiles, laptops, tv, computers, etc atleast 1hour before sleeping to improve the quality of sleep. 

Thank you 



11:24 PM | 22-09-2020

Hello Nitika,

A sedentary lifestyle and eating high-fat food is the cause of your high poor nutritional absorption and because of which is you are having which you are having vitamin B 12 deficiency causing burning in feet, we can correct easily with this new diet and regime.

Here are a few tips which will help you.

Eat:

The first thing in the morning is to start your day with something light in nature. Easy to digest is what your breakfast should be because they are the kind of nutrients that get absorbed easily. Even the early morning ritual should include consumption of two-three glasses of warm water will help in flushing out all the toxins. The ideal diet would be to depend on fruits and raw vegetable intake and refrain from something which is oil-based. Have fruit salad in the afternoon time and vegetable salad as evening snack this will be light on your stomach.

  • A diet rich in Vitamin C which has sources like lemons, oranges, mosumbi will help in dealing with nutritional absorption.
  • Talk one inch of ginger boiled in two cups of water and add 5-6 basil leaves, drink during evening time, this will relax your digestion and nutrition will be absorbed.
  • Snacks on nuts like apricots, walnuts, and almonds which has a good amount of minerals and vitamin B 12 and can take care.
  • Soak in your feet, with icy cold water to relax your blood circulation.

Exercise:

  • Pranayam helps in detoxifying the body, practising it early morning in an area which has good sunlight will help in improving blood circulation.
  • Sunlight exposure is very important in your start. Start sun basking in the early morning sun.
  • Suryanamaskar, daily 12 sets will help in increasing the blood circulation of your body.

Meditation:

In any kind of disease, stress comes complementary to it, but with our assurance and positive attitude, we can treat anything. The best thing to start with is breathing mindfully before sleep with the help of music to stay positive. Use a 15-minute relaxation technique before sleep, by hearing a piece of soothing music and deep breathing will help in relaxing your mind.

A positive attitude will help you to deal with everything in life.

Sleep:

Sleeping for at least 7-8 hours is really helpful in dealing with any problem. Sleep is our body's natural response and helps the body to heal. Sleep relaxes the muscles and strengthens our body. During sleep, our body goes into a repair mechanism where it heals itself.

Hopefully, these suggestions will help you

Thank you.



06:14 PM | 21-09-2020

हेलो,
कारण -   पैर के तलवों में जलन होने का मतलब है कि आपके आंतों में इन्फ्लेमेशन है जिस को दूर करने के लिए आपको आहार शैली में परिवर्तन करना आवश्यक है। हमारे शरीर का बनावट इस तरीक़े से है कि कोई भी विटामिन की कमी नहीं हो सकती है। शरीर में  अम्ल अधिक होने से ऐसा होता है। विटामिन b की गोली इन ऑर्गेनिकन जोो कि शरीर को फायदा नहींं बल्कि नुकसान पहुंचातीी है। विटामिन की गोलियों के बजाय रस जीवन फाइबर युक्त भोजन ले। खाने में नमक की मात्रा कम कर दें।  प्रकृतिक चिकित्सा पद्धति को अपनाकर पूर्ण स्वास्थ्य लाभ उठा सकते हैं।

समाधान- 1. ऐसा खाना जो कि देर तक पछता नहीं है उसका त्याग करें। जैसे दूध, गेहूं, मैदा, रिफाइंड नमक और रिफाइंड शुगर और पैकेट फूड।

फल, सब्जी, और कच्ची सब्जी का जूस को प्रतिदिन ले।

ऐसा करने से पाचन शक्ति मजबूत होगा और आंतों की सफाई हो पाएगी। 

2.  सूर्य की रोशनी में 20 मिनट का स्नान सूर्य की रोशनी से करें 5 मिनट सामने 5 मिनट पीछे 5 मिनट दाएं 5 मिनट बाएं भाग में धूप लगाएं। धूप लेट कर लेना चाहिए धूप की रोशनी लेते वक्त सर और आपको किसी सूती कपड़े से ढक ले। 

3. प्रतिदिन अपने पेट पर खाने से 1 घंटे पहले या खाना खाने के 2 घंटे बाद गीले मोटे तौलिए को लपेटे एक तौलिया गिला करके उसको निचोड़ लें और हूं उस तौलिए को 20 मिनट तक अपने पेट पर लपेटकर रखें ऐसा करने से आपका पाचन तंत्र दुरुस्त होगा।

 अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है।

तिल के तेल रीढ़ की हड्डी पर घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

4. हर 3 घंटे में लंबा गहरा श्वास अंदर लें उसको थोड़ी देर रोकें और फिर सांस को खाली करें। खाली करने के बाद फिर से रुके और फिर लंबा गहरा सांस ले। यह एक चक्र है ऐसा दिन में 10 चक्र करें केवल एक शर्त का पालन करें जब आप लंबा गहरा सांस ले रहे हैं तो अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें ऐसा करने से आपके शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा का बढ़ेगी और ऑक्सीजन का संचार सुचारू रूप से हो पाएगा।

5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक  पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। 

फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashguard) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। 

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

6. एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

7. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)


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