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Q&A
09:24 AM | 13-10-2020

I am 52 year old female. I have diabetes with 6. 7 HbA1c. I am 152cms and 79kg. I want to reduce my weight. I do surya namaskar and a few core exercises. Please suggest me how to reduce my weight.

The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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4 Answers

10:20 AM | 14-10-2020

Hello,

Diabetes is a lifestyle disorder and can be corrected in a natural way. In diabetes, our body is not able to break the sugar or use the sugar in a proper way. But, by making some changes in lifestyle and habits, it can be cured naturally.

Weight gain results due to a sedentary lifestyle, lack of physical activities, and high fatty diet which are also the reason for diabetes. For reducing the weight, it is necessary to remove the excess fats from the body, and along with this following a natural lifestyle and correct eating habits is also important.

Reasons for diabetes 

  • Sedentary lifestyle 
  • Family history 
  • Wrong eating habits. 
  • Hormonal imbalance 
  • Obesity

Diet-

  • Have only plant-based natural foods. 
  • Include sprouts, salads, beans, nuts, dry fruits in your diet. 
  • Have coconut water and fresh homemade fruit juices. 
  • Avoid dairy foods and also avoid animal products. 
  • Cook oil-free or use cold-pressed oil. 
  • Avoid tea and coffee. 
  • Include whole grains like barley, millets, oats in your diet. 
  • Avoid sugars, chocolates, carbonated drinks. 

Exercise 

Doing some physical activity is very important to cure diabetes. 

  • Walk around 2,500 steps in the morning and the same in the evening. According to WHO, we should walk 8000 steps daily. Daily work may contribute to around 3000 steps and to complete them to 8000, walk 2,500 steps in the morning and evening. 
  • Perform yoga specially bhujanga asana, gomukha asana, trikona asana. 
  • Perform pranayam like kapalbhati, anulom-vilom. 

Sleep

Sleep always plays a vital role in the overall health of the body and mind.

Take proper sleep of at least 7-8hours daily. 

Sleep early at night and also wake up early in the morning at around 6 am

Read books before sleeping to improve the quality of sleep. 

Thank you 



09:44 AM | 13-10-2020

Namaskar!

Thanks for sharing your query with us!

Diabetes is a common lifestyle disorder these days. We would like to tell you that many people have successfully reversed diabetes by adopting a lifestyle in sync with the Natural Laws of living. Please consider this -

As per Nature Cure, our body is designed to stay in a state of health and diseases are often an attempt to restore any imbalance inside the body. Imbalance is caused because of toxins - which are an output of metabolism and are also added due to unnatural lifestyle choices. Nature has equipped us with the measures of eliminating the toxins on a regular basis - through breathing, stool, urine, sweat, mucus depositions in nose, eyes and genitals etc. Whenever there is toxic overload due to insufficient or faulty elimination our body starts a few special elimination processes. Those are considered as Acute diseases like Flu, Loose-motions, cough, cold, fever, skin rashes and acute pain. At this stage, instead of supporting the body to get rid of toxins we often suppress symptoms by restoring to quick-fixes like medicines etc. As a result, the body is unable to throw away the toxins. This is when the ever-increasing amount of toxins in the body start creating long term disease conditions such as diabetes, blood pressure, asthma, ulcer, etc.

Most diseases can be reversed by helping the body get rid of accumulated toxins. All we need to do is to provide the body with the right environment in the form of food as well as non-food elements (like sleep, movement, sunlight etc.) such that it can start the work of cleansing and healing. Once you do that, you can reverse diabetes and weight loss comes as a pleasant side-effect. We suggest you to consider enrolling yourself for Wellcure's Natural Health Coaching Program that helps you in making the transition, step by step. We will guide you on diet, sleep, exercise, stress to correct your existing routine & make it in line with Natural Laws.

In the meantime, we would like to guide you to a few resources - 

  1. Read the journeys of people who dealt with diabetes naturally

  2. Read these blogs listed in our Body Wisdom section –

Hope you find this useful!

Team Wellcure

09:41 PM | 13-10-2020

Thank you so much

Reply


10:20 AM | 06-11-2020

धन्यवाद🙏



10:31 AM | 14-10-2020

हेलो,

कारण- प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के अनुसार शुगर खराब हाजमा का सूचक है।  चयापचय प्रणाली अद्वितीय तरीके से काम करती है। हाजमा ठीक होने पर यह कुशल और तेजी से काम करने वाली चयापचय प्रणाली होती है जो वसा को जमा नही करती है। खराब हाजमा होने पर चयापचय प्रणाली धीमी गति से कार्य करती है, जो वजन बढ़ाने की ओर ले जाती हैं। व्यस्त जीवनशैली, तनाव और खानपान को लेकर लापरवाही मोटापे का कारण बनता जा रहा है, जो वजन बढ़ने के कारणों में सबसे अहम है क्योंकि ऐसा करने से खराब हाजमा होता है। प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को अपनाकर पूर्ण स्वास्थ्य पा सकते हैं।

समाधान - 1. स्वस्थ और संतुलित भोजन करें, जो नमक और वसा में कम हो।

2. दौड़ लगाएं। मत्स्येन्द्रासन, धनुरासन, अनुलोम विलोम, पवन मुक्तआसन करें। पश्चिमोत्तानासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, शवासन करें।

3. पेट पर पर खीरा का पेस्ट लगाएँ। पैरों को 20 मिनट के लिए सादे पानी से भरे किसी बाल्टी या टब में डूबो कर रखें।

खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।

नीम के पत्ते का पेस्ट अपने नाभि पर रखें। 20 मिनट तक रख कर साफ़ कर लें।

4. मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।

मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। 

जीवन शैली - जीवन शैली- 

1. आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें।

फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें।

2. वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ।

3.अग्नि - सूर्य की रोशनी लें।

4.जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है। नारियल तेल से घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise) में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग, धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashgourd ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक  पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।  फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल (yellow pumpkin) 50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgourd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

6.सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।

तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।

7.एक नियम हमेशा याद रखें ठोस (solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

8.उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)

12:51 PM | 05-11-2020

शुक्रिया

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