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Q&A
12:24 PM | 19-10-2020

Person having acidity problem how he can observe fasting? Please answer.

The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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2 Answers

03:12 PM | 22-10-2020

Hello,

Acidity is a common digestion related problem that is faced by many people nowadays because of the sedentary lifestyle and wrong choices of food. Intake of a high fatty diet, oily, and spicy foods results in improper digestion which ultimately leads to digestive issues like acidity, burping, etc. Being on an empty stomach for too long or very long gaps between the meals is also the reason for acidity. So, fasting is not a good idea if you have acidity problem. If you still want to do fasting, then following steps will be helpful. 


Diet

  • Start the day with 3 to 4 glasses of warm water on an empty stomach. This will help to flush the toxins out of the body. 
  • Have fresh fruits or freshly prepared homemade fruit juices in every 3 to 4 hour. 
  • Drink green tea twice a day, one in the morning on an empty stomach and the other at night before sleeping. 
  • Say no to tea and coffee as these drinks will further increase the problem.
  • Drink plenty of water throughout the day. 
  • When you don't do fasting then also have only plant-based natural foods in your diet. 

Exercise 

Physical activities are also essential for good digestion as it improves the blood circulation in the body and also the metabolism of the body. 

  • Start the day with a brisk morning walk of at least 30min. 
  • Perform yoga asanas like bhujanga asana, trikona asana, paschimottan asana and padahasta asana. 
  • Do pranayam regularly for 15-20min, specially anulom-vilom and bhastrika pranayam. 

Sleep

Good quality of sleep is also needed for good metabolism. Sometimes lack of sleep or bad quality sleep also leads to digestive issues like acidity, anorexia, etc. So, proper sleep is required. 

Take proper sleep of at least 7-8hours daily. Sleep early at night and also wake up early in the morning. 

Avoid using electronic gadgets like mobiles, tv, computers, laptops, etc at least 1hour before sleeping for an improved quality of sleep. 

Thank you



08:27 AM | 20-10-2020

हेलो,
कारण - निष्कासन के क्रिया ठीक प्रकार से ना होनेेे पर एकत्रित भोजन लंबे समय से सड़ रहा होता है। वह अम्ल की अधिकता शरीर मेंं पैदा करता है। ऐसी स्थिति में उपवास करना बहुत ही फायदेमंद होता है। उपवास करने के लिए पहले दिमाग से तैयारी करनी होती है। खाना ऊर्जा काा स्रोत नहीं है। हर एक से 2 घंटे केेे बीच मेंं पानी मुंह में घूंट भर भर कर पिए। पानी को मुंह मेेें कुछ देर रखने से मुंह का सलाइवआ पेट मेंं जाता है जिससे कि पेट के विकार को दूर करने में मदद मिलती है।
खराब हाजमा (assimilation) और कब्ज यानी (elimination) के प्रक्रिया में आंतों का मुख्य रोल होताा है। आंतों के स्वास्थ्य को ध्यान रखने के लिए रस, फाइबर और जीवन युक्त भोजन ले।प्राकृतिक समस्या को अपनाकर इस समस्या से मुक्त हो सकते हैं।

समाधान - 1. चार भिंडी को लंबा काटकर एक गिलास पानी में डाल दें और सुबह खाली पेट नेचुरल मोशन होने से पहले उसको पी लें। पीते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि पानी को मुंह में रख रख के पिए। कच्चे भिंडी को सलाद में भी यूज कर सकते हैं उसमें टेस्ट के लिए टमाटर और नारियल पीसकर मिलाएं नमक और नींबू का प्रयोग ना करें।भिंडी की रसेदार सब्जी बनाएं जिसमें भिंडी को स्टीम कर ले उसके बाद उसमें टमाटर नारियल और नमक पक जाने के बाद डालें, गैस ऑफ करके इससे आपकी आंतों की सफाई बहुत अच्छी तरीके से हो पाएगी।

2. रात का खाना सूर्यास्त से 1 घंटे तक खा ले यानी 7:00 बजे तक आपका खाना हो जाना चाहिए।

3. खाना खाने से घंटा पहले या खाना खाने के 2 घंटे बाद पेट पर सूती कपड़ा भिगोकर निचोड़ कर उस पट्टी को लपेटे आगे से पीछे तक 20 मिनट तक उसे रहने दे उसके बाद उसे हटा ले।

4. प्रतिदिन का 15 मिनट का दौड अति आवश्यक है। उसे पूरे शरीर में ऑक्सीजन का संचार ठीक प्रकार से हो पाता है। प्रतिदिन प्राणायाम करें। 

अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है।

तिल के तेल रीढ़ की हड्डी पर घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

5. सुबह खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ash guard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक  पत्ते धो कर पीस कर 100 ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। 

फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ash guard) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। 

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

6. एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

7. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200 ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)


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