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Q&A
11:20 AM | 14-12-2020

Hi I m suffering from fibromylgia for the past 15 years with pain in tender points, depression, anxiety, chronic fatigue syndrome, constipation, bloating etc. Gradually my body is not working, sometimes I'm not even able to prepare food for kids. Pls help


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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2 Answers

12:01 PM | 04-01-2021

Hello Sapna,

Fibromyalgia is a disorder characterized by musculoskeletal pain accompanied by fatigue, sleep, memory and mood issues. 
Fibromyalgia is triggered by a stressful event including physical stress or emotional stress. Possible triggers for the condition include an injury or a viral infection. Stress results in disturbed metabolism and hence in the accumulation of toxins which leads to pain in tender points, constipation, bloating, etc.
 

What to do-

  • Avoid continuous sitting. 
  • Maintain a correct sitting posture. Make sure that your backbone is straight. 
  • Apply hot pack on the areas of pain.
  • Put two drops of sesame oil in each of your nostrils every morning. 

Diet

  • Start your day with 2-3 glasses of warm water. This will help to improve the metabolism. 
  • Avoid dairy products like ghee, milk, paneer, curd and also animal foods. 
  • Eat only plant-based natural foods. 
  • Drink sufficient water during the day. 
  • Drink coconut water.
  • Have salads, sprouts, seasonal and fresh fruits, beans, nuts in your diet.

Physical work

  • Being physically active is very essential for a good blood circulation in the whole body.
  • Start the day with a morning walk of atleast 30minutes. 
  • Do skipping for 5 minutes.
  • Perform 12 sets of suryanamaskar. 
  • Do pranayam like anulom-vilom, kapalbhati, bhastrika.

Sleep

Sleep affects our circadian rhythm which had to be maintained for the well being of the body. Hence, sleep quality and duration matters a lot.

Sleep early at night at around 10 pm and also wake up early in the morning at around 6 am. Sleep for at least 7-8 hours daily. 

Thank you.



12:00 PM | 04-01-2021

हेलो,
कारण - 1. फाइब्रोमायल्जिया एक तरह का विकार है, जो मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द उत्पन्न करता है। इसमें आपको थकान महसूस होती है। इसके अलावा मस्तिष्क और नींद से संबंधित कई मुश्किलें आनी शुरू हो जाती है।
2.  आंतों की खराबी जिसके कारण गैस, और कब्‍ज होता है। यह आंतों में इन्फ्लेमेशन के कारण होता है।  खाना जो देर तक पचता नहीं है और शरीर के अंदर काफी लंबे समय तक सड़ रहा होता है उसके वजह से यह संक्रमण होता है। विषाणु को पनपने के लिए शरीर में अम्लीयता होना जरूरी होता है।  लंबे समय तक खराब हाजमा और कब्ज के कारण यह स्थिति उत्पन्न होती है।

प्राकृतिक चिकित्सक के देखरेख में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को अपनाकर आप पूर्ण रूप से स्वास्थ्य पा सकते हैं।

समाधान- 1. जितना हो सके कच्चे हरे पत्तों का जूस छानकर पिए। जैसे पालक, दूब घास, बेलपत्र, धनिया पत्ता, तुलसी का पत्ता इन्हें अलग-अलग टाइम पर पीसकर 200 ml पानी मिलाकर छानकर पीएं खाली पेट इन पत्तों का जूस बहुत ही ज्यादा लाभदायक होता है। यह रक्त को शुद्ध करेगा। आंतों के संक्रमण को दूर करेगा।

2. सूर्य की रोशनी में 20 मिनट का स्नान सूर्य की रोशनी से करें 5 मिनट सामने 5 मिनट पीछे 5 मिनट दाएं 5 मिनट बाएं भाग में धूप लगाएं।दुख हमेशा लेट कर लेना चाहिए धूप की रोशनी लेते वक्त सर और आपको किसी सूती कपड़े से ढक ले। सूर्य नारी मंद होने पर  इन्फेक्शन अधिक होता है अतः आप जब भी सोए अपना दायां भाग ऊपर करके सोए। 

3. प्रतिदिन अपने पेट पर खाने से 1 घंटे पहले या खाना खाने के 2 घंटे बाद गीले मोटे तौलिए को लपेटे एक तौलिया गिला करके उसको निचोड़ लें और हूं उस तौलिए को 20 मिनट तक अपने पेट पर लपेटकर रखें ऐसा करने से आपका पाचन तंत्र दुरुस्त होगा।

अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है।

तिल के तेल रीढ़ की हड्डी पर घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

4. हर 3 घंटे में लंबा गहरा श्वास अंदर लें उसको थोड़ी देर रोकें और फिर सांस को खाली करें। खाली करने के बाद फिर से रुके और फिर लंबा गहरा सांस ले। यह एक चक्र है ऐसा दिन में 10 चक्र करें केवल एक शर्त का पालन करें जब आप लंबा गहरा सांस ले रहे हैं तो अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें ऐसा करने से आपके शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा का बढ़ेगी और ऑक्सीजन का संचार सुचारू रूप से हो पाएगा।

5. सुबह खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ash guard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक  पत्ते धो कर पीस कर 100 ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। 

फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ash guard) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। 

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

6. एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

7. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200 ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)


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