I have a problem of overthinking whenever I get stressed, tensed or anxious, afraid I feel feverish and my head starts paining for few mins. As soon as I get back to normal there is no headache or fever. What should I do? It bothers me a lot and due to which I am unable to work.
The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.
Read moreHello Mansoor,
Overthinking, anxiety, depression are all the indications about your bad mental health which may be because of thyroid as it results in hormonal imbalance. It is mainly due to incorrect lifestyle and incorrect eating habits like having a high fatty diet, not taking enough sleep which results in increased stress levels, etc. But everything can be cured naturally by making just some small changes in the daily routine and eating habits.
Here are a few tips that will surely help you:
Meditation
Meditation is the ultimate key to achieving good mental health.
Just like our physical health, our mental health is also equally important and meditation is the best to achieve the same.
Give 20 to 25 minutes from your busy day for meditation. Practice it in sukhasana or padma asana and concentrate on your breathing.
Daily meditating will surely lead to a healthy and happy mind.
Diet
Diet also has an impact on our mental health as our metabolism depends on the foods that we have which in turn affects the hormonal secretions.
- Drink a glass of warm water with lemon juice in it in the morning on an empty stomach. This will help to boost the metabolism at the start of the day.
- Have soaked raisins and other dry fruits to get the easily absorbable nutrients.
- Eat sprouts, nuts, beans and salads.
- Include Vitamin C in your diet like blueberries, amla, orange or lemon as they have antioxidant properties.
- Drink plenty of water throughout the day to eliminate the toxins out of the body and to be hydrated.
- Avoid dairy products and animal products as they are not meant for the human digestive system and hence it results in the accumulation of toxins in the body.
- Avoid processed, packaged and preserved foods as they have bad effects on our digestive system.
Yoga
Daily yoga is very effective for achieving a good balance between the mind, body and soul.
- Practice suryanamaskar daily.
- Do bhujanga asana, paschimottan asana, gomukha asana and padahasta asana.
- Do pranayam regularly for 15-20min, specially anulom-vilom and kapalbhati pranayam.
- Take sunrays early in the morning.
Sleep
The quality and pattern of the sleep also determine the state of our mental health as it affects the circadian rhythm and in turn the hormonal balance. Sometimes, lack of proper also leads to mental illness.
So, take proper sleep of at least 8 to 10 hours daily.
Avoid electronic devices like mobiles, laptops, computers, tv, etc at least 1hour before sleeping to improve the quality of sleep.
Thank you
हेलो
कारण- मस्तिष्क के ऊतकों में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। मानसिक रोग उत्पन्न होता है। ऑक्सीजन और रक्त संचार में कमी का कारण शरीर में अम्ल की अधिकता है। जैसे वायुमंडल में हवा दूषित होने पर ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है उसी तरीके से शरीर में अम्ल की मात्रा बढ़ने से ऑक्सीजन और रक्त की संचार में कमी आती है। प्राकृतिक जीवन शैली को अपनाकर इसे पूर्ण रूप से ठीक किया जा सकता है इसको ठीक होने में 8 से 10 महीने का समय लग सकता है।
समाधान - भ्रामरी प्राणायाम,ताड़ासन, नटराजासन वृक्षासन,हस्तपादासन, सर्वांगासन, हलासन, पवन-मुक्तासन, अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें।
प्रतिदिन आप ख़ुद को प्यार दें अपने बारे में 10 अच्छी बातें कोरे काग़ज़ पर लिख कर और प्रकृति को अपने होने का धन्यवाद दें।मानसिक समस्या भी इसी शरीर की समस्या है सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि हम किसी भी परिस्थिति में सकारात्मक सोंच रखते हैं या नकारात्मक।प्राकृतिक जुड़ाव आपको सकारात्मक सोंच प्रदान करेंगी क्योंकि प्राकृतिक जीवन शैली अपने आप में पूर्ण भी है और जीवंत भी है। पाँच तत्व से प्रकृति चल रही है और उसी पाँच तत्व से हमारा शरीर चल रहा है।
जीवन शैली - 1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें। वाद्य यंत्र शास्त्री संगीत (instrumental classical music) सुनें।
2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक टाइम पर करना है। ये दिन में चार बार करें। अपने कमरे में ख़ुशबू दार फूलों को रखें।
3 अग्Iनि तत्व- सूर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे।
4 जल तत्व- 4 पहर का स्नान करें। सुबह सूर्य उदय से पहले पूरे शरीर का स्नान करें। दोपहर के खाने से पहले हिप बाथ करें। शाम को सूर्यअस्त के बाद पेट पर गीली पट्टी और रात सोने से पहले मेरुदंड स्नान करें। नहाने के पानी में ख़ुशबू वाले फूलों का रस मिलाएँ। नींबू या पुदीना का रस मिला सकते हैं।खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें। सर पर सूती कपड़ा बाँध कर उसके ऊपर खीरा और मेहंदी या करी पत्ते का पेस्ट लगाएँ,नाभि पर खीरा का पेस्ट लगाएँ। पैरों को 20 मिनट के लिए सादे पानी से भरे किसी बाल्टी या टब में डूबो कर रखें।
5 पृथ्वी- सब्ज़ी, सलाद, फल, मेवे, आपका मुख्य आहार होगा। आप सुबह खीरे का जूस लें, खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।दोपहर में 12 बजे फिर से इसी जूस को लें। इसके एक घंटे बाद खाना खाएँ। शाम को नारियल पानी लें फिर 2 घंटे तक कुछ ना लें। रात के सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें, नारियल की गिरि मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ।इसे बिना नमक के खाएँ, बहुत फ़ायदा होगा।सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं।तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें।
6 एक नियम हमेशा याद रखें ठोस (solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं। हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।
7 . उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200 ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।
धन्यवाद।
रूबी,
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
Dear Mansoor,
We do empathize with your difficulty! To begin with, please understand that as per Nature Cure approach the body is seen as a whole unit and therefore any health issue (physical/mental) is concerned with the overall functioning and internal state of balance. Owing to wrong lifestyle choices, toxins get accumulated in the body and disrupt the internal balance. Our gastrointestinal tract ( GI Tract or GUT) is a long tube inhabited by millions of microbes and about 70% of our health depends on the quality of the gut. These microbes play a crucial role in communicating with the brain. When the sensitive balance of gut flora (microbes) is disturbed it affects our mental health too.
If we support the body with the right inputs in terms of food as well as non-food elements (like sleep, exercise, relaxation etc.) we can prevent and heal mental health issues. We would thereby encourage you to adopt a natural lifestyle to deal with your condition. You can explore our Natural Health Coaching Program that helps you in making the transition, step by step. In case, you feel the need to connect to a Mental Health Coach we can help you do so, please email us at info@wellcure.com.
In the meantime, we would like to guide you to the following resources:
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There are many natural healing stories on Wellcure, you may want to read journeys of people who overcame anxiety issues naturally
All the best!
Team Wellcure
1 |
Dr. Khushbu Suthar
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Natural Healing - Leader & Influencer
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2 |
Ruby
Level:
Natural Healing - Leader & Influencer
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3 |
Smitha Hemadri
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4 |
Nikita Mishra
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5 |
Hema
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Natural Healing Guide
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6 |
Dr.Rajesh Kumar
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7 |
Mohan M
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8 |
Anchal Kapur
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9 |
PSYsolution by Kalyan
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10 |
Asha Shivaram
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Natural Healing Advisor
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11 |
Wellcure
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12 |
Swatantra
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13 |
Dollie kashvani
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Vijai Pawar
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15 |
Sharan
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Natural Healing Advisor
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16 |
Dr.Elanchezhiyan Devarajan
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Natural Healing Advisor
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Priyanka Kaushik
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Anju Chhabra
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Natural Healing Advisor
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Shweta Gupta
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20 |
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22 |
Asha Shivaram
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Natural Healing Companion
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23 |
Swati Dhariwal MA, ND,
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24 |
Aishwarya Elavarasan
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Natural Healing Companion
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25 |
Pramod Pathak
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Natural Healing Companion
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