My age is 54 years. I have a eye pressure of about 24 mmhg in both the eyes. I have myopia but rarely use glasses. Pl suggest remedy for the same.
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Read moreHello Rajesh,
Normal eye pressure ranges from 12 - 22 mmHg. An eye pressure more than 22 mmHg is considered as more than normal. When the ocular pressure is higher than normal then the person shows a high risk of glaucoma and this condition is called as ocular hypertension.
Those who have a family history of ocular hypertension or glaucoma are at risk of having this. People having diabetes or high blood pressure or people over the age of 40 years are also more prone to ocular hypertension. Myopia or eye injury or eye surgery may also result in ocular hypertension.
The following tips will help you to promote eye health.
Have a healthy diet
Several vitamins and nutrients are essential for eye health.
Zinc, copper, selenium, Vitamin C, E and A are essential for eye health. So, it is essential to have a diet having all the nutrients.
- Have fresh fruits and vegetables daily.
- Include citrus fruits like lemon, oranges, blueberries, amla, etc.
- Drink green tea twice a day. It has antioxidant properties.
- Have overnight soaked raisins and other dry fruits.
- Avoid carbonated drinks and caffeinated drinks.
Exercise
Practice some exercises and yoga as this will help to improve the blood circulation in the body.
- Practice suryanamaskar daily.
- Take a pen and put it at a distance in front of your eyes. Slowly move it towards the eyes and keep your complete focus on the pen. Then again move it slowly to some distance. Repeat this 5 times and practice this exercise regularly.
- Practice pranayam regularly, specially anulom-vilom and kapalbhati pranayam.
Sleep
Sleep with your head elevated. Use a pillow that will keep your head raised for about 20 degrees and it has been known to decrease intraocular pressure while you sleep.
Thank you
Hello Rajesh,
Hypertension in eyes can be infection, medication or hypertension in the body. Due to continuous exposure to pollutants in the environment, our low nutritive diet, and a sedentary lifestyle, our body's action becomes vulnerable, making it susceptible to the above causes. This eye infection can be very well taken care of in a natural way.
It is time to make changes in the diet and adapt an overall naturalistic lifestyle. A holistic measure is the only way you can treat this thing completely.
Eat:
The first thing in the morning is to start your day with something light in nature. Easy to digest is what your breakfast should be because they are the kind of nutrients that get absorbed easily. Even the early morning ritual should include consumption of two-three glasses of warm water will help in flushing out all the toxins.The ideal diet would be to depend on fruits and raw vegetable intake and refrain from something which is oil-based. Have fruit salad in the afternoon time and vegetable salad as evening snack this will be light on your stomach.
- A diet rich in Vitamin C will help in dealing with any immunity problem. Sources like lemons, oranges, mosumbi will help.
- Warm compression, three times a day, helps in increasing blood circulation in the area.
- Putting rose water in the eyes helps in keeping them moist and relaxed.
- Wash your eyes regularly with warm water.
Exercise:
- Pranayam helps in detoxifying the body, practising it early morning in an area which has good sunlight will help in improving blood circulation.
- Suryanamaskar daily 12 sets will help in increasing the blood circulation of your body.
- Tratak eye exercises help in improving eye muscle and keep you away from any eye problems.
Meditation:
In any kind of disease, stress comes complementary to it, but with our assurance and positive attitude, we can treat anything. The best thing to start with is breathing mindfully before sleep with the help of music to stay positive.
Use a 15-minute relaxation technique before sleep, by hearing a piece of soothing music and deep breathing will help in relaxing your mind.
A positive attitude will help you to deal with everything in life.
Sleep:
Sleeping for at least 7-8 hours is really helpful in dealing with any problem. Sleep is our body's natural response and helps the body to heal. Sleep relaxes the muscles and strengthens our body. During sleep, our body goes into a repair mechanism where it heals itself.
Hopefully, these suggestions will help you.
Thank you
Dear Rajesh,
Thanks for sharing your query with us!
You may want to consider taking an individual consultation from Dr. M. Sathish Kumar, MPT,(Ph.D.), Founder, School for Perfect Vision, Coimbatore, an expert on vision improvement. Find more details here
Regards,
Team Wellcure
हेलो,
कारण - मायोपिया (निकटदर्शिता) तब होता है जब नेत्रगोलक (आईबॉल) आंख की कॉर्निया और लेंस की शक्ति केंद्रित करने के सापेक्ष में बहुत लंबा हो जाता है । यह प्रकाश की किरणों को रेटिना की सतह पर एक बिंदु पर केंद्रित करने के बजाय, सीधे सामने (रेटिना के पहले ) करने का कारण बनता है।
नेत्रगोलक (आईबॉल) की लंबाई के लिए कॉर्निया और / या लेंस का बहुत ही घुमावदार होना भी निकटदर्शिता का कारण हो सकता है । संयोजन के कारण, मायोपिया (निकटदर्शिता) हो जाता है ।
मायोपिया आमतौर पर बचपन में आरंभ होता है। आँखों में प्रदाह (inflammation) के वजह से ऐसा हो सकता है।
आँखों की समस्या मिनरल की कमी को दर्शाता है। आँखों का व्यायाम करें। आतों के स्वास्थ्य को बेहतर बना कर आंखों के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।
समाधान - 1. ऐसा खाना जो कि देर तक पचता नहीं है उसका त्याग करें। जैसे दूध, गेहूं, मैदा, रिफाइंड नमक और रिफाइंड शुगर और पैकेट फूड।
फल, सब्जी, और कच्ची सब्जी का जूस को प्रतिदिन ले।
ऐसा करने से पाचन शक्ति मजबूत होगा और आंतों की सफाई हो पाएगी।
2. सूर्य उदय और सूर्य अस्त के सूर्य लालिमा के 7 मिनट दर्शन के बाद आँखों को दाएँ से बाएँ और बाएँ से दाएँ करें गर्दन हिलाएँ नहीं। 5 बार करें फिर आँख बंद करें। अब आँखों को ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर करें गर्दन को हिलाना नहीं है। 5 बार करें फिर आँख बंद करें। घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में घुमाएँ फिर आँखों को बंद कर के आराम दें। 5 बार करें फिर आँख बंद करें। जल्दी जल्दी आँखों को खोलें बंद करें 5 बार फिर आँख को बंद कर के खोले अब त्राटक क्रिया करें।अपने नाक के सीधी दिशा में एक मोमबत्ती जलाएँ। एक हाथ की दूरी रखें अब उस लो को देखें 5 मिनट तक फिर देखें फिर आँख बंद करके आराम करें। ऐसा दिन में दो बार करें। उसके आँख पर गुलाब जल की गीली पट्टी रखें। उसके ऊपर खीरा और धनिया पत्ता का पेस्ट रखें। 20मिनट बाद हटा लें।
खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।
मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें।
सूर्य की रोशनी में 20 मिनट का स्नान सूर्य की रोशनी से करें 5 मिनट सामने 5 मिनट पीछे 5 मिनट दाएं 5 मिनट बाएं भाग में धूप लगाएं। हमेशा लेट कर लेना चाहिए धूप की रोशनी लेते वक्त सर और आपको किसी सूती कपड़े से ढक ले।
3. प्रतिदिन अपने पेट पर खाने से 1 घंटे पहले या खाना खाने के 2 घंटे बाद गीले मोटे तौलिए को लपेटे एक तौलिया गिला करके उसको निचोड़ लें और हूं उस तौलिए को 20 मिनट तक अपने पेट पर लपेटकर रखें ऐसा करने से आपका पाचन तंत्र दुरुस्त होगा।
अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की और आंखों 20 मिनट के लिए सेक लगाए।
स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है।
तिल के तेल रीढ़ की हड्डी पर घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।
4. हर 3 घंटे में लंबा गहरा श्वास अंदर लें उसको थोड़ी देर रोकें और फिर सांस को खाली करें। खाली करने के बाद फिर से रुके और फिर लंबा गहरा सांस ले। यह एक चक्र है ऐसा दिन में 10 चक्र करें केवल एक शर्त का पालन करें जब आप लंबा गहरा सांस ले रहे हैं तो अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें ऐसा करने से आपके शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा का बढ़ेगी और ऑक्सीजन का संचार सुचारू रूप से हो पाएगा।
5. सुबह खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ash guard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक पत्ते धो कर पीस कर 100 ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।
फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल सूखे फल नाश्ते में लें।
दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ash guard) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ।
लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।
रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।
6. एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।
हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।
7. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200 ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।
धन्यवाद।
रूबी,
प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
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