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Q&A
12:36 PM | 04-12-2020

Mujhe 4 saal se sinus problem hai. Pollyps abhi is sardi mein jyda badh gae hai. Aur gale mein jyda khar khar rehti hai. Kuch bhi khane pine mein ye cough irritate krta hai bahut. Pls guide


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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2 Answers

01:55 PM | 07-12-2020

Hello Kanika,

Sinusitis is a condition that results due to the deviation of the nasal septum, respiratory tract infections, certain allergies, or other medical conditions like HIV, cystic fibrosis, etc.
Sinusitis may lead to nasal congestion, thick discoloured discharge from the nose, pain, polyp development, sore throat, inflammation, and tenderness around eyes, nose, cheeks, forehead, reduced sense of smell and taste.

What to do?

  • Avoid upper respiratory tract infections. Stay away from persons having a cold and cough.
  • Avoid cigarette smoking.
  • Avoid dust, dirt, and polluted air.
  • Try to manage your allergies by avoiding allergens. 
  • Practice jal neti. This will help to clear the sinuses.

Diet 

  • Eat only plant-based natural foods. 
  • Avoid dairy products and animal foods as they may also trigger the allergy because they are not meant for our human digestive system. 
  • Eat fresh fruits and green leafy vegetables. 
  • Include salads, sprouts, nuts, and beans in your diet.
  • Say no to alcohol.
  • Use cold-pressed oil for cooking instead of refined oils as refined oils may also lead to allergy. 
  • Drink plenty of water during the day to eliminate the toxins out of the body and also to be hydrated. 

Yoga and Pranayam 

  • Practice anulom-vilom pranayam regularly. 
  • Do suryanamaskar daily. 
  • Do paschimottan asana, gomukha asana, trikona asana and padahasta asana. 

Thank you 



01:54 PM | 07-12-2020

हेलो,
कारण - साइनसाइटिस से साइनस में सूजन आ जाती है और यह  संक्रमण के कारण होती है। गले में  या अपने चेहरे में दर्द और नाक बंद होने का अनुभव कर सकते हैं ।

शरीर में म्यूकस इंफेक्शन है। यह आंत के संक्रमित होने पर होता है।शरीर में अम्ल की अधिकता होने पर संक्रमण का खतरा हमेशा बना रहता है।प्राकृतिक जीवन शैली को अपनाकर पूर्ण स्वास्थ्य का लाभ उठा सकते हैं।

समाधान- 1. ऐसा खाना जो कि देर तक पचता नहीं है उसका त्याग करें। जैसे दूध, गेहूं, मैदा, रिफाइंड नमक और रिफाइंड शुगर और पैकेट फूड।

फल, सब्जी, और कच्ची सब्जी का जूस को प्रतिदिन ले।

ऐसा करने से पाचन शक्ति मजबूत होगा और आंतों की सफाई हो पाएगी। 

2.  सूर्य की रोशनी में 20 मिनट का स्नान सूर्य की रोशनी से करें 5 मिनट सामने 5 मिनट पीछे 5 मिनट दाएं 5 मिनट बाएं भाग में धूप लगाएं। धूप लेट कर लेना चाहिए धूप की रोशनी लेते वक्त सर और आपको किसी सूती कपड़े से ढक ले। नारी मंद होने पर  इन्फेक्शन अधिक होता है अतः आप जब भी सोए अपना दायां भाग ऊपर करके सोए। 

3. प्रतिदिन अपने पेट पर खाने से 1 घंटे पहले या खाना खाने के 2 घंटे बाद गीले मोटे तौलिए को लपेटे एक तौलिया गिला करके उसको निचोड़ लें और हूं उस तौलिए को 20 मिनट तक अपने पेट पर लपेटकर रखें ऐसा करने से आपका पाचन तंत्र दुरुस्त होगा।

4. हर 3 घंटे में लंबा गहरा श्वास अंदर लें उसको थोड़ी देर रोकें और फिर सांस को खाली करें। खाली करने के बाद फिर से रुके और फिर लंबा गहरा सांस ले। यह एक चक्र है ऐसा दिन में 10 चक्र करें केवल एक शर्त का पालन करें जब आप लंबा गहरा सांस ले रहे हैं तो अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें ऐसा करने से आपके शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा का बढ़ेगी और ऑक्सीजन का संचार सुचारू रूप से हो पाएगा।

4.जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। 

स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है।

तिल के तेल रीढ़ की हड्डी पर घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।

5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ash guard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक  पत्ते धो कर पीस कर 100 ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। 

फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ash guard) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। 

लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मि लाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

6. एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

7. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200 ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)


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