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Q&A
01:20 PM | 07-12-2020

I suffer from gas and acidity. Whenever I have this problem my mouth feels sore and small bumps appear on the inside of the lower lip. I feel as though my tongue has become thick. A lot of discomfort in the mouth. Pls help


The answers posted here are for educational purposes only. They cannot be considered as replacement for a medical 'advice’ or ‘prescription’. ...The question asked by users depict their general situation, illness, or symptoms, but do not contain enough facts to depict their complete medical background. Accordingly, the answers provide general guidance only. They are not to be interpreted as diagnosis of health issues or specific treatment recommendations. Any specific changes by users, in medication, food & lifestyle, must be done through a real-life personal consultation with a licensed health practitioner. The views expressed by the users here are their personal views and Wellcure claims no responsibility for them.

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3 Answers

11:20 AM | 09-12-2020

Hello Kunji,

Acidity is a common digestion related problem that is faced by many people nowadays because of the sedentary lifestyle and wrong choices of food. Intake of a high fatty diet, oily, and spicy foods results in improper digestion which ultimately leads to digestive issues like acidity, burping, etc.
Along with a correct diet, the adoption of a correct lifestyle is equally important. 

Diet

  • Start the day with 3 to 4 glasses of warm water on an empty stomach. This will help to flush the toxins out of the body. 
  • Drink green tea twice a day, one in the morning on an empty stomach and the other at night before sleeping. 
  • Eat sprouts in your breakfast as they are light in nature and are rich in nutrients also.
  • Drink freshly prepared homemade fruit juices. 
  • Have fresh, seasonal, and locally available fruits and vegetables. 
  • Don't use refined oils for cooking. Instead, use cold-pressed oil for cooking.
  • Have Vitamin C rich diet like include lemon, oranges, amla, blueberries, etc in your diet.
  • Drink plenty of water throughout the day. 

Exercise 

Physical activities are also essential for good digestion as it improves the blood circulation in the body and also the metabolism of the body. 

  • Start the day with a brisk morning walk of at least 30min. 
  • Do plank for 5min. 
  • Perform yoga asanas like bhujanga asana, trikona asana, paschimottan asana and padahasta asana. 
  • Do pranayam regularly for 15-20min, specially anulom-vilom and bhastrika pranayam. 

Sleep

Good quality of sleep is also needed for good metabolism. Sometimes lack of sleep or bad quality sleep also leads to digestive issues like acidity, anorexia, etc. So, proper sleep is required. 

Take proper sleep of at least 7-8hours daily. Sleep early at night and also wake up early in the morning. 

Avoid using electronic gadgets like mobiles, tv, computers, laptops, etc at least 1hour before sleeping for an improved quality of sleep. 

Thank you



10:31 AM | 08-12-2020

हेलो,
कारण - ठीक प्रकार से पेट साफ ना होना आंतों में इन्फ्लेमेशन होता है।  खाना जो देर तक पचता नहीं है और शरीर के अंदर काफी लंबे समय तक सड़ रहा होता है उसके वजह से गैस बनता है। अम्ल अधिक होने पर मुंह और होंंठ मेंं संक्रमण होता है। विषाणु को पनपने के लिए शरीर में अम्लीयता होना जरूरी होता है। आहार शुद्धि और प्राकृतिक जीवन शैली को अपनाकर इसे छुटकारा पाया जा सकता है। 

समाधान - 1. मेरुदंड स्नान काफी लाभकारी होता है यह हमारे स्नायु तंत्र को स्वस्थ रखता है । एक मोटा तोलिया लेकर उसको भिगो दें बिना निचोड़े योगा मैट पर बिछाए और उसके ऊपर कमर से लेकर के कंधे तक का हिस्सा रखें। उस गीले तौलिए पर रहे 20 मिनट के बाद इसको हटा दें। ऐसा करने से आप का मेरुदंड में ब्लड और ऑक्सीजन का सरकुलेशन ठीक हो जाएगा।

2. पेट पर एक गीला तोलिया निचोड़ कर बांधे 20 मिनट बाद उसको हटाए ऐसा करने से पाचन तंत्र की स्वास्थ्य में सुधार की शुद्धि आएगी। शरीर में अम्ल का प्रभाव कम होगा।

3. बेलपत्र और दूब घास का जूस सुबह खाली पेट ले। 4 से 5 बेलपत्र को पीसकर 200ml पानी मिलाकर छान लें और इसको मुंह में 40 गिनने तक रख कर पिए। ऐसा करने से आप का संक्रमण ठीक हो जाएगा ऐसे ही दूब घास भी 20 ग्राम लेकर मिक्सी में पीस लें 200ml पानी मिलाकर छान लें और इसे भी मुंह में 40 गिनने तक रख कर पिए। यह यूरिनरी ट्रैक्ट के संक्रमण के लिए बहुत ही लाभकारी होता है।

4.जल - स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है। तिल के तेल रीढ़ की हड्डी पर घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise) में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें।  

5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग धनिया पत्ती, (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे  (ashgourd ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक  पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है।  फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल सूखे फल नाश्ते में लें।

दोपहर के खाने में सलाद नट्स और अंकुरित अनाज के साथ  सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल (yellow pumpkin) 50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ash guard) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ।

रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें।

6. एक नियम हमेशा याद रखें ठोस (solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल  को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस  भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं।

हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें।

7. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200 ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे।

धन्यवाद।

रूबी, 

प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)



03:00 PM | 07-12-2020

Dea Kunji,

Thanks for sharing your concern with us! To begin with, let us look at your problem from a Nature Cure perspective.

Nature has designed our body to stay in good health. Digestion is the most basic function of our body and as far as our lifestyle (food as well as non-food aspects like sleep, sunlight, emotional health, movement etc) is aligned to the Laws of Nature we can expect to have a healthy digestive system, free from issues like gas, bloating, constipation etc. Only natural foods (like vegetables, fruits, nuts etc.) are easy to digest and absorb. All animal-based foods like dairy, meat, eggs etc., as well as refined and processed foods, leave a toxic residue in the body. This, in turn, results in various health issues or discomforts of the type you mentioned. 

From Nature Cure point of view, toxicity is the root cause of all diseases. The way out to your stomach problem is to get rid of the toxins. We would encourage you to adopt a natural lifestyle to deal with your condition. You can explore our Natural Health Coaching Program that helps you in making the transition, step by step. 

Here are a few resources that you may find useful:

  1. Health Journeys - natural healing stories of people who cured digestive issues just by following Natural Laws.

  2. Body Wisdom blogs:

All the best!

Team Wellcure


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