How to treat Foliculatits behind forehead?
Dr. Khushbu Suthar
08:09 PM | 14-01-2020
Application of tea tree oil on the affected area helps, use it thrice a day. Thank you
Is there any permanent solution for leucoderma (vitiligo) in natural way?
Dr Sangeeth Somanadhap...
05:35 PM | 10-01-2020
Vitiligo is a skin disorder in which white patches of skin appear on different parts of the body. Melanin is the pigment that gives our skin color. This condition happens because the cells that make pigment (color) in the skin are destroyed. Vitiligo can also affect the mucous membranes (such as the tissue inside the mouth and nose) and the eyes. The exact cause is not known. Vitiligo is more of an autoimmune disease. These diseases happen when your immune system mistakenly attacks some part of your own body. In vitiligo, the immune system may destroy the melanocytes in the skin. There might be a possibility that one or more genes may make a person more likely to get the disorder. Vitiligo may also run in families. Signs and symptoms of vitiligo include white patches around armpits and groin (where the leg meets the body), around the mouth, eyes, nostrils, navel, genitals and rectal areas. Some natural remedies include: Turmeric Application ( Curcuma aromatica ) -Turmeric is an effective home remedy for vitiligo. Turmeric along with mustard oil and stimulate the pigmentation of the skin. Apply a mixture of turmeric powder and mustard oil for 20 minutes to the affected area. Do this twice a day for positive results. It may be best suggested for sunlight exposure after the application either in the early morning or late evening. A mixture of lemon and sweet basil extract might be useful but lacks evidence. A proper diet could prevent the condition from worsening it. Here are some foods that people with vitiligo have cited as helpful for their condition. Foods include bananas, apples, green leafy greens, such as kale or romaine lettuce, chickpeas, also known as garbanzo beans, root vegetables, especially beets, carrots, and radishes, figs and dates could be consumed in large quantities which could help in prevention. Foods to be avoided included, milk and milk products, non-vegetarian foods, brinjal, citrus fruits, oily and spicy food, sugared drinks, junk foods, etc. Avoid consumption of alcohol and tobacco or any other social drugs or unwanted medications. The practice of yoga and meditation could be helpful as well to reduce stress Get enough sound sleep which could reduce stress levels and could prevent the condition from aggravating.
In case of blockage on the heart what is the course of treatment?
Ruby
02:38 PM | 08-01-2020
हेलो, कारण - हार्ट में ब्लॉकेज या रूकावट प्लॉक के कारण होती है। प्लॉक्स, कोलेस्ट्रॉल, फैट, फाइबर टिश्यू और श्वेत रक्त कणिकाओं का मिश्रण होता है, जो धीरे धीरे नसों की दीवारों पर चिपक जाता है। प्लॉक का जमाव गाढ़ेपन और उसके तोड़े जाने की प्रवृत्ति को लेकर अलग-अलग तरह के होते हैं। अगर यह गाढ़ापन हार्ड होगा, तो ऐसे प्लॉक को स्टेबल कहा जाता है और यदि यह मुलायम होगा तो इसे तोड़े जाने के अनुकूल माना जाता है, और इसे अनस्टेबल प्लॉक कहा जाता है। ये मिनरल की कमी से होता है। ग़लत खान पान के कारण मिनरल की कमी हो जाती है। खाने में एक वक़्त का भोजन केवल कच्चे सब्ज़ियों का लिया जाये। नाश्ते केवल फल हो और ख़ाली पेट सुबह कच्चे सब्ज़ी के जूस लें समाधान - लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें। इसके बाद फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें, रुकें, फिर स्वाँस अंदर भरें। ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक समय पर करना है। ये दिन में चार बार करें। खुली हवा में बैठें या टहलें। खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं। नीम के पत्ते का पेस्ट अपने नाभि पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें। मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें। जीवन शैली- 1आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें। फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें। 2.वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ। 3.अग्नि - सूर्य की रोशनी लें। 4.जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है। नारियल तेल से घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें। 5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल + सूखे फल नाश्ते में लें। दोपहर के खाने में सलाद + नट्स और अंकुरित अनाज के साथ सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ। रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें। 6.सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं। तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें। 7.एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं। हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें। 8.उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे। धन्यवाद। रूबी, प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
I suffer from chronic headaches. Can you please suggest some good remedy?
Ruby
02:41 PM | 08-01-2020
हेलो, कारण - शरीर में अम्ल की अधिकता और सिर में ऑक्सिजन और मिनरल की कमी से तेज़ सिर दर्द का अनुभव होता है। दोषपूर्ण आहार, दोष पूर्ण जीवन शैली इसका मुख्य कारक है। समाधान - सर पर सूती कपड़ा बाँध कर उसके ऊपर खीरा और मेहंदी या करी पत्ते का पेस्ट लगाएँ,नाभि पर खीरा का पेस्ट लगाएँ।पैरों को 20 मिनट के लिए सादे पानी से भरे किसी बाल्टी या टब में डूबो कर रखें। लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें। इसके बाद फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें, रुकें, फिर स्वाँस अंदर भरें। ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक समय पर करना है। ये दिन में चार बार करें। खुली हवा में बैठें या टहलें। शारीरिक और मानसिक क्रिया में संतुलन बनाए। दौड़ लगाएँ।सुप्त मत्स्येन्द्रासन, धनुरासन, पवनमुक्त आसन पश्चिमोत्तानासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, शवासन करें। खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं। नीम के पत्ते का पेस्ट अपने नाभि पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें। मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें। जीवन शैली- 1आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें। फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें। 2.वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ। 3.अग्नि - सूर्य की रोशनी लें। 4.जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है। नारियल तेल से घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें। 5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल + सूखे फल नाश्ते में लें। दोपहर के खाने में सलाद + नट्स और अंकुरित अनाज के साथ सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ। रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें। 6.सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं। तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें। 7.एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं। हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें। 8.उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे। धन्यवाद। रूबी, प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
I have so many moles on my face. I just don't feel comfortable with them. They are increasing in number since I was 11 yrs old. How to remove them?
Dr. Khushbu Suthar
03:40 PM | 06-01-2020
Moles are caused due to the melanocytes in the skin gets crumpled, the issues with an increasing number of moles in the body is increased melanoma, this melanoma is increased when your skin is getting exposed to harmful radiations, pollutions etc. So, it is time to start with protecting your skin against the odd, there are some really good oils you can depend on which will help you deal with moles. 1. Tea tree oil: Usage of tea tree oil helps in dealing with moles and reduction is possible. 2. Frankincense oil: It is another type of oil which will help you in dealing with moles. 3. Flaxseed oil: It helps in treating the mole effectively. Regularly applying the oil will help you in treating your moles. Thank you
I am not getting rid of fungal infection. Can you give a remedy?
Dr. Khushbu Suthar
09:10 PM | 03-01-2020
Fungal infection can be very adamant in case of some situation it is time that you deal with asap, try anti-inflammatory agents like it. There are high chances that it will go: Garlic: Have a raw garlic clove in the morning, this will help in treating infection. Keep the affected area clean and dry, as the fungus grows in the damp region. Apply coconut oil, whenever you feel itchy, this will help in treating the itch. Thank you
I am infected with jaundice at level 2. 4. Other than drinking water what else we can do to reduce the infection?
Ruby
06:52 PM | 03-01-2020
हेलो, कारण - पीलिया होने का कारण बिलीरुबिन नामक पदार्थ है जिसका निर्माण शरीर के ऊतकों और रक्त में होता है। जब लिवर में लाल रक्त कोशिकाएं टूट जाती हैं, तब पीले रंग का बिलीरुबिन नामक पदार्थ बनता है। जब किसी परिस्तिथि के कारण यह पदार्थ रक्त से लिवर की ओर और लिवर द्वारा फिल्टर कर शरीर से बाहर नहीं जा पाता है, तो पीलिया होता है। पीलिया एक ऐसा रोग है जिसमें टोटल सीरम बिलीरूबिन का स्तर 3 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (mg/dL) से ऊपर बढ़ जाता है। इसको नियंत्रित करने के लिए तरल भोज्य पदार्थ का सेवन करें।समाधान - 1. कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। सुबह ख़ाली पेट इनमे से कोई भी हरा जूस लें।पेठे (ashguard ) का जूस लें और नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर 100ml पानी में मिला कर छान कर पीएँ। खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। एक दिन में चार से पाँच बार पीएँ। इस पेय को मुँह में 40गिनने तक रखें फिर निगलें जब भी पेय पदार्थ लें उसको मुँह में रख रख कर ही पीएँ इसे आदत बना लें। 2. लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें। इसके बाद फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें, रुकें, फिर स्वाँस अंदर भरें। ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक समय पर करना है। ये दिन में चार बार करें। खुली हवा में बैठें या टहलें। 3. खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं।नीम के पत्ते का पेस्ट अपने नाभि पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें। 4. मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें। मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें 5. उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे। धन्यवाद। रूबी, प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
I have unwanted facial hair, body hair and moles on my face. Can you give remedies for all these?
Dr. Khushbu Suthar
09:09 PM | 03-01-2020
Okay, here I will go back to the most ancient remedy which has been helping us for ages, so by using these things it will surely help you. Face packs for healthy and glowing skin: 1. Daily massage your face with coconut oil and aloe vera extract this will help in increasing your blood circulation. 2. Apply gram flour and turmeric with rose water and see the face texture changing in a month by applying alternate days. 3. Beetroot and flaxseed blended together to apply the jelly and see the pigmentation going within a few days. This always makes sure you eat healthily and consume raw vegetables as it helps in improving your health as well as skin. Thank you
I have achalasia cardiac disease. Is there any natural treatment for this?
Dr Sangeeth Somanadhap...
01:50 PM | 03-01-2020
The oesophagus is the tube, which is a part of GUT, that carries food from the throat to the stomach. Achalasia cardia is a severe health condition that affects your oesophagus. The lower oesophagal sphincter (LES) is a muscular ring that closes off the oesophagus from the stomach. The sphincter gets into action whenever there is a food movement from mouth to the stomach. If you have achalasia, your LES fails to open up during swallowing, which it’s supposed to do. This leads to a backup of food within your oesophagus. This condition can be related to damaged nerves in your oesophagus. It can also be due to damage of the LES. Achalasia usually occurs later part or elderly age group, but sometimes it can also occur in children. Individuals who are middle-aged and older are at higher risk for the condition. Achalasia is also more common in people with autoimmune disorders. People with achalasia have a problem in swallowing or feel like food is stuck into their oesophagus. This condition is also called dysphagia. These symptoms can cause coughing and raise the risk of aspiration or inhaling or choking on food. Other symptoms might include pain or discomfort, weight loss, heartburn or even intense pain or discomfort after eating. Some natural ways to manage it, Don't Overeat - Avoid overeating. In Naturopathic philosophy we say that eat half stomach with solid food, quarter with water/liquids and quarter should be kept empty. Also, make a point to avoid heavy meals and too many oily foods or spices ( north Indian curries especially) Lose weight - Sometimes fat accumulation on the abdomen could push the intestines or abdominal structures downwards and could possibly cause a condition called hiatus hernia. Hence losing weight must be a very important measure to undertaken if you are overweight. Consume low carbs - Consumption of large quantity of carbs could result in poor digestion in the GUT. It always wise to consume in less quantity. Avoid coffee/alcohol/carbonated drinks. Avoiding these could help too Eat less of chocolates and drink less citrus fruit juices Avoid eating raw onions if at all you have a habit Give at least three hours of time gap between your dinner and sleep. Keep your head in an elevated position when you sleep.
I have. Bad headache for last six years also not feeling sleepy
Smitha Hemadri
10:45 AM | 02-03-2020
Sleep cycles can be impacted when the head is constantly inflamed. Only when the reasons are addressed, will sleep also improve. When you get an attack of a headache, just switch to plain vegetable and fruit juices for the entire day and sleep in a dark room. The underlying causes for this is organs not doing its job. Reason for that is the accumulation of toxins in the body due to an inefficient and unhealthy lifestyle. When the GUT is lined with old wastes that sit there rotting, you will have a migraine-like issue. You can assume that headaches are caused when you don’t have food in time. If you have something instead of focusing on cleaning yourself, the migraine will temporarily disappear because it gets busy digesting. Once that job is over, it switches back to its headache. Suppressing with medication is always a temporary solution too. Avoid the following:- Consumption of animal products - dairy, eggs, fish, meat Packaged foods Sugar Refined oils and polished foods Ready to eat foods Fried foods All these seem to be harmless while we continue to consume them, but what goes in has to come out. If it has to come out then, the work has to be done right from your gut. But when they are not able to recognize the food we put into the body because it’s unnatural, the digestion is usually inefficient and blood continues to carry toxins and deposits it in multiple places as it circulates. Since we are consistently not allowing anything to come out of the body and suppressing it with meds, it stays inside like a volcano. Sometimes little triggers like lack of sleep, lack of eating when the stomach is hungry or empty can cause headaches but that’s not the root cause. Toxaemia or toxicity in the body is the cause and lifestyle changes have to be done to include more fruits and veggies and only 30% of dinner to include grains and 70% vegetables. Rest of the day start with plain vegetable juice/cucumber juice ash gourd juice etc and include fruits and vegetables to answer your hunger and your headache will be history and so will the issue with sleep. Be blessed Smitha Hemadri (Holistic lifestyle coach)
Please i will like to know home remedy or treatment to cure Trichotillomania in adult, thanks.
Dr Sangeeth Somanadhap...
04:40 PM | 03-01-2020
This is a condition that drives people to the tendency to pull hair. People who have trichotillomania have an irresistible urge to pull out their hair, usually from their scalp, eyelashes, and eyebrows. Trichotillomania is a type of impulse control disorder. This disorder could be more said as a habitual disorder. People with these disorders know that they can do damage by acting on the impulses, but they cannot stop themselves. This could be classified as some type of addiction to a particular habit. It could be said it is one way of dealing with stress or anxiety, a chemical imbalance in the brain, similar to obsessive-compulsive disorder (OCD) changes in hormone levels during puberty, a type of self-harm to seek relief from emotional distress. Some simple ways that could really work well are to follow step by step plan: Make a date plan– First, consider reducing the number of frequencies if at all if he is on it on a tapering it, once you have achieved it then you should slowly try reducing the frequency of habit which could help you achieve it. Have a will power and determination– Practicing some simple meditation techniques could also help you achieve it. Mind Diversion Therapy– These therapies could make you less involved in the habit of drug addiction could also help you slowly get rid of these habits on a slow basis. By diverting your mind into various other activities like music, sporting, leisure activities, yoga, taichi, etc could help your mind. Meet A Counselor– If you are unable to achieve the above-mentioned steps on your own it might be advised to meet a counselor who could help you to come out of these habits. Eat a Healthy Diet– A well-balanced diet in all nutrients and vitamins is very much necessary to bring down your stress levels and also to boost up your immunity. Practice Yoga– Yoga plays a vital role in de-addiction treatments. Especially Asanas and Pranayama could prepare themselves for the higher practice of Meditation. Meditative techniques could help you to bring control over your mind.
Hi what should I do for cholesterol deposition around eye area Any quick solution pls
Dr. Khushbu Suthar
08:25 PM | 01-01-2020
Cholesterol deposition near the eyes signifies a high level of low-density cholesterol, this can be very dangerous for our eye health but do not worry with a change in the routine and taking care of oneself through the disease we can treat cholesterol lumps. There are two things to include in diet so that your cholesterol can be lowered. A. Garlic: Consuming raw garlic clove in the morning empty stomach helps in reducing cholesterol level. B. Fenugreek seeds: Taking the seeds in the morning empty stomach will help again in making your cholesterol lower cholesterol. One cometic tip which can help you is massaging your lumps near the eye with a banana peel, do it three times a day. Take care Thank you
I have UTI problem along with gastric pain.. Do I need probiotics?
Dr. Khushbu Suthar
08:45 PM | 02-01-2020
Consuming Probiotics will be helpful in anyways, but the ideal thing is to depend on a homemade fermented probiotic so that we can rely on natural things, Kanji, this is one of the recipes of homemade kanji. Other things which you can try for your health is, having more antioxidants like berries, strawberries, oranges, lemon etc so that this will help in both UTI and your gastric issues. Consuming tomatoes with back pepper an hour before a meal helps in treating gastric issues. Thank you
Having some head problem like headache and no sleep deeply
Dr Sangeeth Somanadhap...
04:31 PM | 03-01-2020
A headache could be a sign of stress or emotional distress, or it could even result from a medical condition, such as migraine or high blood pressure, anxiety, or depression. It could lead to other problems. People suffering from chronic migraine headaches, for example, may find it hard to attend work or school regularly. Sometimes stress could be a major factor to cause headache and in your case, this might be true. Headache often occurs, due to tension, emotional stress, sometimes due to even on exposure to bright light, loud noises, strong smells or due to intracranial pressure, etc. Taking proper diet and lifestyle change could aid to prevent and cure headaches. The main cause of headaches is Stress. Control your stress level by practicing Yogasanas, pranayama, and meditation. Regular practice of shat kriyas like Jala neti a cleansing procedure in Yoga also helps. Practice deep breathing techniques namely pranayama regularly. Brahmari pranayama is a therapeutic pranayama for headaches specifically. Take lots of fruits and vegetables. Avoid any kind of dairy products, junk foods, oily foods, and a non-vegetarian diet. Keep regular food timings A hot arm and foot bath for 15 - 20 mins could help to relieve migraines. A hot, arm and foot bath are also more beneficial. Acupressure therapy is more beneficial in treating headaches. Direct sunlight in the day time may increase your headache.
Pancreas count is 271. 5 instead of 110 or below how to get it to normal or get the remedies for curing this problem?
Mohan M
09:24 PM | 31-12-2019
The pancreas is a flat gland deep-seated in the abdomen. It is a vital organ associated with the production of various enzymes and hormones responsible for the smooth functioning of the digestive system. The treatment for pancreatitis may involve fasting for a while, to give rest to your pancreas. During this time, intravenous nutritional support is provided. Once the inflammation is contained, a diet low in fat and plenty of fluids is prescribed to speed up recovery. Avoid high-protein diet and excessive salt. Reduce stress level. Eat fresh fruits and Vegetables in your diet. Strictly no to Non veg and dairy products. Do light and gentle exercises. Avoid Alchohol if any. Practice cooling pranayamas like nadishodhanana, seethali or sheetkari Takecare
Is there any remedy or exercise to instantly lower the blood pressure? Please help.
Vijai Pawar
09:47 AM | 28-12-2019
Dear health seeker Pratik, yes high BP can be arrested in quick little time by the following measures: All foods should be relinquished, nothing to be eaten except coconut water 3 to 4 times for the day. Secondly take a non violent enema of 200ml cold water to clear the colon of the adherent faecle matter .Immediately take a spinal bath of 25 minutes and followed by head wash .This should be repeated twice or thrice keeping a four hours gap. This is sure to give a quick relief by toning up the whole nervous system and complete rest to the body Complete rest is recommended Follow the above treatment for three, four days, thereafter live hygienically by eating 70% vegetables raw and cooked and fruits rest cereals , beans ,Avoiding all devitalising foodless foods V.S.Pawar Member Indian institute of natural therapeutics
Hello , Mujhe aksar khana khane ke baad acidity ki problem rehti hai , pet fulne lagta or baicheni hone lagti hai. Koi upay bata skte hai?
Dr. Khushbu Suthar
08:43 PM | 23-12-2019
Hello Komal, Trying these basic healthy things in your routine will definitely help you in treating acidity and bloating. The three main ingredients which will help you are: 1. Consume tomato with black pepper an hour before your meal. 2. Fennel seeds are helpful in dealing with bloated stomach and flatulence, 3. Mulethi is another key ingredient in dealing with stomach issues, having it with warm water will be helpful. Make sure you keep two hours gap between your sleep and meals. Thank you
I am facing problem of Dizziness (Chakkar). Can you kindly give me Home Remedy?
Doshi Zarana - Jeevan ...
10:26 PM | 23-12-2019
🙏 नमस्ते धनश्रीजी दिमाग में खून पर्याप्त मात्रा में न पहुंचने पर चक्कर आते हैं। इसके अलावा रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) का ज्यादा या कम होने पर भी चक्कर आते हैं। कान के बीच में सूजन होने पर भी चक्कर आते हैं। पुरानी कब्ज, गर्मी, खून की कमी, धूप में घूमना, मासिक धर्म (एम.सी) की खराबी और अधिक थकावट आदि कारणों से भी चक्कर आते हैं ।गर्दन में दर्द होने के कारण चक्कर आ सकता है।डर लगने के कारण भी चक्कर आ सकता है।धमनियों के कठोर हो जाने पर चक्कर आने लगता है।सर्विकल स्पाडोलाइसिस का स्नायुओं पर दबाव पड़ना। आइए चक्कर आने वाली समस्या से कैसे बाहर आये , घरेलू ईलाज कैसे अपनाए । ★ धनिया एवं आँवलों को बराबर हिस्से में 1 चम्मच लेकर अधकूटा पीसकर, रात्रि को पानी में भिगोकर, सुबह छानकर उसमें मिश्री मिलाकर पीने से लाभ होता है । ★ लगभग 4 या 5 मुनक्के को पानी में मथकर पीने से चक्कर आना बन्द हो जाते हैं। ★ तुलसी के पत्तों का रस 5 बूंद और चीनी एक चम्मच आधा कप पानी में मिलाकर सेवन करने से लू के मौसम में चलने वाली गर्म हवा नहीं लगती है तथा चक्कर नहीं आते हैं। ★ चाय,काफ़ी और तली गली मसालेदार चीजों से परहेज करना आवश्यक है। इनके उपयोग से चक्कर आने की तकलीफ़ में इजाफ़ा होता है।* ★ कभी-कभी नमक की मात्रा शरीर में कम होने पर भी चक्कर आने लगते हैं। नमकीन चीज जैसे की चाट मसाला डालके मोसंबी या संतरा खाने से लाभ होता देखा गया है। ★ अनुलोम विलोम प्राणायाम से चक्कर आने की व्याधि से हमेशा के लिये छुटकारा मिल जाता है। ★ तरबूज के बीज की गिरि और खसखस इन दोनों को बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें. रोज सुबह-शाम एक चम्मच खाली पेट पानी के साथ सेवन करें. यह प्रयोग करीब एक महीने तक नियमित रूप से जारी रखें । ★ अदरक लगभग 20 ग्राम की मात्रा में बारीक काटकर पानी में उबालें आधा रह जाने पर छानकर पीयें। अदरक का रस भी इतना ही उपकारी है।सब्जी बनाने में भी अदरक का भरपूर उपयोग करें। चाय बनाने में अदरक का प्रयोग करें।अदरक किसी भी तरह खाएं चक्कर आने के रोग में आशातीत लाभकारी है। धन्यवाद 🙏
Last 16 days I am suffering from fungal infection. Can you pls suggest me best remedy?
Ruby
12:48 PM | 26-12-2019
हेलो, कारण - fungal infection शरीर में पोषक तत्व की कमी और ऐसिड की अधिकता के कारण होती है। समाधान - टब में पानी डाल कर उसमें 500ml नीम के रस मिलाएँ। 20 मिनट के लिए इसमें बैठें। नीम के पत्ते का और खीरा पेस्ट अपने पेट पर रखें। 20 मिनट तक रख कर साफ़ कर लें। लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक टाइम पर करना है। ये दिन में चार बार करें। खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें और खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा करना है। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें। मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। जीवन शैली- 1आकाश तत्व - एक खाने से दुसरे खाने के बीच में अंतराल (gap) रखें। फल के बाद 3 घंटे, सलाद के बाद 5 घंटे, और पके हुए खाने के बाद 12 घंटे का (gap) रखें। 2.वायु तत्व - प्राणायाम करें, आसन करें। दौड़ लगाएँ। 3.अग्नि - सूर्य की रोशनी लें। 4.जल - अलग अलग तरीक़े का स्नान करें। मेरुदंड स्नान, हिप बाथ, गीले कपड़े की पट्टी से पेट की गले और सर की 20 मिनट के लिए सेक लगाए। स्पर्श थरेपी करें। मालिश के ज़रिए भी कर सकते है। नारियल तेल से घड़ी की सीधी दिशा (clockwise) में और घड़ी की उलटी दिशा (anti clockwise)में मालिश करें। नरम हाथों से बिल्कुल भी प्रेशर नहीं दें। 5.पृथ्वी - सुबह खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। पालक पत्ते धो कर पीस कर 100ml पानी डाल पीएँ। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। फल + सूखे फल नाश्ते में लें। दोपहर के खाने में सलाद + नट्स और अंकुरित अनाज के साथ सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें और नारियल पीस कर मिलाएँ। कच्चा पपीता 50 ग्राम कद्दूकस करके डालें। कभी सीताफल ( yellow pumpkin)50 ग्राम ऐसे ही डालें। कभी सफ़ेद पेठा (ashgurd) 30 ग्राम कद्दूकस करके डालें। ऐसे ही ज़ूकीनी 50 ग्राम डालें।कद्दूकस करके डालें।कभी काजू बादाम अखरोट मूँगफली भिगोए हुए पीस कर मिलाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। लें। बिना नींबू और नमक के लें। स्वाद के लिए नारियल और herbs मिलाएँ। रात के खाने में इस अनुपात से खाना खाएँ 2 कटोरी सब्ज़ी के साथ 1कटोरी चावल या 1रोटी लेएक बार पका हुआ खाना रात को 7 बजे से पहले लें। 6.सेंधा नमक केवल एक बार पके हुए खाने में लें। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं। तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। चीनी के जगह गुड़ लें। 7.एक नियम हमेशा याद रखें ठोस(solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें।ठोस भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ ले सकते हैं। हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें। 8.उपवास के अगले दिन किसी प्राकृतिक चिकित्सक के देख रेख में टोना लें। जिससे आँत की प्रदाह को शांत किया जा सके। एनिमा किट मँगा लें। यह किट ऑनलाइन मिल जाएगा। इससे 200ml पानी गुदाद्वार से अंदर डालें और प्रेशर आने पर मल त्याग करें। ऐसा दिन में दो बार करना है अगले 21 दिनों के लिए। ये करना है ताकि शरीर में मोजुद विषाणु निष्कासित हो जाये। इसके बाद हफ़्ते में केवल एक बार लेना है उपवास के अगले दिन। टोना का फ़ायदा तभी होगा जब आहार शुद्धि करेंगे। धन्यवाद। रूबी, प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
I am suffering from excessive burping, slight burning sensation and acidity. Sometime at night I wake up due to a slight pain in my upper abdomen. I am on medication but the problem doesn't seem to leave me. I don't have a gall bladder. Can you suggest a cure?
Dr Sangeeth Somanadhap...
07:44 PM | 19-12-2019
The presentation of your symptoms falls in the category of GERD or Gastroesophageal Reflux disease or Acid reflux. Commonly characterized by heartburns, acidity and gas formation in your stomach. Heartburn is a painful burning feeling or sensation that occurs in your chest or throat. It happens when stomach acid backs up into your esophagus, the tube that carries food from your mouth to your stomach. The main cause might be due to irregular food timings or due to the consumption of more acidic foods like tea, coffee or even excess of smoking. If the heartburns occur more than two to three times a week this condition might be classified as GERD or Gastroesophageal Reflux disease or Acid reflux. Pregnancy, certain foods, alcohol, and some medications can bring on heartburn. Treating heartburn is important because over time reflux can damage the esophagus. Modifying your diet and lifestyle habits could help improve one's condition. The primary modification is to maintain strict food timings. Aloe Vera Juice before food ( 15-20min ). This might be taken from the fresh plant which might benefit a lot. Consume more fresh fruits like banana, apple, ginger or ginger tea, peppermint, and other herbal teas. Avoid midnight snacks or eating before sleep. Sleep with head upright to prevent reflux. Avoid smoking, alcohol, tea, chocolate, and caffeine. Avoid acidic food, spicy and carbonated drinks. Bend your knees while bending forward so as to avoid pressure on your stomach Eat meals in smaller quantities and properly chew the food. A glass of warm water with a pinch of asafoetida with or without black salt could give a faster remedy to this problem. Even you could include asafoetida to your diet which might work wonders too.
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