Hello,Can anyone suggest me natural way to overcome nausea in 2. 5 month pregnancy? My cousin is facing problem, Dr. Has asked for complete bed rest. Please advise.
Dr. Khushbu Suthar
10:34 PM | 01-06-2020
Hello, Bikramjeet, Nausea can be due to two important causes like low hemoglobin issues in your body and indigestion. With a correct diet and regime, we can effectively deal with both the issues and get the best of health. Though it is common in pregnancy it is an issue. Start your day with having two glasses of warm water this will help in flushing toxins and the GUT will become stronger. An hour before your meals have fruit or vegetable salad so that you get a good amount of fiber. In your diet include things like dates, jaggery, lemons, oranges, sprouts, and sweet potatoes to increase your iron content. Sit in Vajrasana after your meal, this will accelerate digestion. My advice would be carrying a ginger and rock salt mixture with you whenever you have an episode of nausea, have a little bite from it it will help in curbing nausea. I am sure my suggestions will help you. Thank you
I am 32 year male, suffering from Chronic Kidney Disease because of auto-immune disease. I have tried allopathy medicine but no relief. Now under treatment with ayurved medicine - I got little benefit not much. Plz guide how to cure with naturopathy?
Dr. Khushbu Suthar
07:07 PM | 20-04-2020
Hello Chandradev, Looking at the status of your problem, individual care and help are needed to support your system. Contacting a naturopath will be helpful. The most important thing you need right now is a balanced diet, detailed information about your routine and other conditions can help us to heal you. Definitely you can achieve the best with our naturopathy treatment. Chronic kidney disease with an underlying autoimmune condition is going to make our organs completely sensitive and it will be difficult in leading a qualitative lifestyle. Hopefully, our forum is able to give you the best. Take care.
I am 56 yrs with 100 kg weight. What should I do to reduce my weight to around 60 kgs?
Dr. Khushbu Suthar
10:06 PM | 23-12-2019
Hello sir/ Mam, It is really good to know that you are making a conscious effort to lose weight and choosing a healthy lifestyle for it. What is advisable to start with is get your BMI checked so that we can know approximately how much you have to reduce. With a healthy diet and regular exercise, nothing is impossible not even losing weight. so here is the step by step plan which you can follow to lose weight. Start your day with two-three glasses of warm water and take one tablespoon of methi seeds powder, this will help in losing weight. Taking sprouts and a glass of raw vegetable juice in your breakfast will help in giving energy for the whole day. Fruits should be part of your mid-meal two hours before your lunchtime. Taking lemon water between 5-6 pm helps in dealing with unwanted craving which is due to low sugar levels. Snacks like Makhana, salad, Corn, and sprouts bhel are beneficial as well as helps in satiating hunger. Keep your dinner light and have it two hours before sleep. Exercise should be starting from low intensity to high intensity, a set of squats, 1-2 sets of pushups, 6 sets of Suryanamaskar will help in toning your muscles. Brisk walk for 30 minutes daily helps in reducing weight as well as heart-healthy. Thank you
Hi, I have migraine since 2years. Taking tablets for migraine made my weight gain so pls suggest me which treatment is good for permanent solution. I mean homeopathy or ayurveda or English medicine? Pls help me to know which one is good for migraine to vanish permanently.
Dr.Rajesh Kumar
08:12 PM | 29-11-2019
नमस्ते, सिरदर्द की समस्या हर किसी को कभी न कभी होती है। लेकिन यह ज्यादा बढ़ जाएं तो माइग्रेन का कारण बन सकता है। माइग्रेन में सिरदर्द की समस्या सबसे ज्यादा होती है। इसमें असहनीय दर्द होता है। माइग्रेन का दर्द 2 घंटे से लेकर कई दिनों तक बना रहता है। यह एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है। माइग्रेन के कारण दिमाग का खून का संचार तेजी से होने लगता है। जो कि सिरदर्द का कारण बनता है। माइग्रेन में कभी सिर के दाएं तो कभी बाएं हिस्से में अचानक उठने वाला दर्द को कहा जाता है। जिसे हम माइग्रेन कहते हैं गर्मी, मानसिक तनाव और कम नींद के कारण होने वाली यह समस्या पुरुषों की बजाए महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है। इस रोग की सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसमें दिन में अचानकक कभी भी तेज दर्द उभर आता है। माइग्रेन के कारण हाई ब्लड प्रैशर,ज्यादा तनाव लेना,नींद पूरी न होना,मौसम में बदलाव के कारण,दर्द निवारक दवाईयों का अधिक सेवन! लक्षण *सिर हमेशा फडफड़ाता रहना। *जिन्हें माइग्रेन की समस्या होती है। उन्हें आंखो में दर्द, मतली या फिर उल्टी की समस्या होती है। *लाइट, आवाज से भी समस्या होना। *दिनभर बेवजह उबासी आना। *सवेंदना में कमी या फिर सुई चुभना जैसा महसूस होना। *नींद अच्छे से न आना। *माइग्रेन में मूड पलभर में बदल जाता है। कभी उदास तो कभी बहुत खुश। *माइग्रेन होने से पहले खाने का अधिक मन होना। *बार-बार पेशाब आना। *सुबह उठते ही सिर पर तेज दर्द होना। *माइग्रेन होने का कारण *हार्मोनल परिवर्तन *तनाव के कारण *कैफीन का सेवन अधिक करना। *वातावरण में बदलाव *शराब का सेवन आपको निम्नलिखित जीवनशैली का पालन करना चाहिए - नींद- रात्रि में 7 से 8 घंटे की नींद अवश्य लें इससे शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं, कोशिकाओं की टूट-फूट की मरम्मत होती है, तनाव कम होता है! रोज सुबह खाली पेट सेब का सेवन करें, माइग्रेन से छुटकारा पाने के लिए यह काफी असरदार तरीका है। भोजन में 50% मौसमी फल 35% हरि पत्तेदार कच्ची सब्जियां 10% साबुत अंकुरित अनाज एवं 5% सूखे मेवे का प्रयोग करें,शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषण प्राप्त होता है, शरीर के सभी अंग सुचारू रूप सेे अपना कार्य करते हैंहरी पत्तेदार सब्जियों में पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है. माइग्रेन के दर्द में मैग्नीशियम बहुत ही कारगर तरीके से काम करता है. अनाज, सी-फूड और गेंहूं में भी भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम होता है प्यास लगने पर मिट्टी के घड़े में रखे हुए जल को बैठ कर धीरे धीरे-धीरे सेवन करें,इससे शरीर को आवश्यक मात्रा में जल की आपूर्ति होती है, शरीर के सभी अंग सुचारू रूप से अपना कार्य करते हैं। एक चम्मच अदरक का रस और शहद को मिक्स करके पीएं। इसके अलावा माइग्रेन के दर्द को दूर करने के लिए आप अदरक का टुकड़ा भी मुंह में रख सकते हैं। अदरक का किसी भी रूप में सेवन माइग्रेन में राहत दिलाता है। सुगंधितत पुष्पों से युक्त बगीचे में प्रसन्नता पूर्वक ओस पड़ी हुई घास पर नंगे पांव टहलें इससे मान शांत होता है। हस्तपादासन, सेतुबंधासन, मर्जरासन, शिशु आसन पश्चिमोत्तानासन, पद्मासन, शशांकासन, हलासन, मत्स्यासन और शवासन कपालभाति ,अनुलोम विलोम एवं भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास इससे शरीर को आवश्यक मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है ,मन शांत एवं तनाव मुक्त होता है,माइग्रेन में विशेष लाभ पहुंचाते हैं। सभी योग के अभ्यास अनुभवी योग एवं नेचुरोपैथी फिजीशियन के निर्देशन में ही करें निषेध -जानवरों से प्राप्त भोज्य पदार्थ, चीनी, मैदा,वसा से बनी हुई चीजें ,ठंडे पेय पदार्थ, डिब्बाबंद भोज्य पदार्थ, चाय ,काफी ,मिठाईयां, नमक ,नमकीन, ठंडे पेय पदार्थ ,क्रोध ,ईर्ष्या ,चिंता ,तनाव ,रात्रि जागरण सोने से 2 घंटे पहले मोबाइल ,टेलीविजन ,कंप्यूटर का प्रयोग।
Urine Is deep yellow in color for the past two months. Am not taking any medications. I have kidney stone for the past 4-5 months. But I don't know whether it is the reason. Can anyone help me what could be the reason?
Dr.Elanchezhiyan Devar...
11:51 AM | 06-11-2019
Hi, Normally urine color is pale yellowish, this color is due to a pigment called urochrome breakdown product of heme (blood haemoglobin) or urobilin, a breakdown product of bile pigment, which is eliminated through urine. And the color of urine is determined by your water intake. If you take more water it gets diluted and the color changes to light yellow. If your water intake is less them dark yellowish urine. Sometimes excess intake of VitaminB2 and B12 also cause yellowish urination. Drinking lots of water and taking a proper healthy balanced diet will help get you normal. Take more juices like bottle guard juice, plantain pith juice, pumpkin juice to remove your kidney stones. Drink regular jeera water. Take more fresh fruits and vegetables and green leafy vegetables. Consume more diuretic juices like gourd variety vegetable juices to improve elimination. Namasthe!
I am having muscle twitching what is the best remedy for it?
Ruby
06:41 PM | 17-10-2019
हेलो, कारण - सिकुड़न माँसपेशियों के अत्यधिक प्रयोग से या किसी चोट से उत्पन्न होती है। यदि परिश्रम के किसी कार्य के दौरान आपके शरीर में जल का स्तर पर्याप्त नहीं है, तो आपको ऐंठन होने की संभावना होती है। माँसपेशियों की सिकुड़न, खासकर गर्दन में, तब भी हो सकती है जब आप अत्यंत तनावग्रस्त हों। समाधान - शारीरिक और मानसिक क्रिया में संतुलन बनाए। दौड़ लगाएँ।सुप्त मत्स्येन्द्रासन, धनुरासन पश्चिमोत्तानासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, शवासन करें। आप सुबह खीरे का जूस लें, खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर I100ml पानी में मिला कर पीएँ। खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। बेल पत्ता 8 से 10 पीस कर 100 ml पानी में मिला कर लें। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। जीवन शैली - आपका मुख्य आहार ये हुआ तो बहुत अच्छा हो जाएगा। 1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें। 2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें। इसके बाद फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें, रुकें, फिर स्वाँस अंदर भरें। ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक समय पर करना है। ये दिन में चार बार करें। 3 अग्नि तत्व- सूर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे। 4 जल तत्व- खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें या खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा कर सकते हैं। नीम के पत्ते का पेस्ट अपने नाभि पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें। मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। 5 पृथ्वी- सब्ज़ी, सलाद, फल, मेवे, आपका मुख्य आहार होगा। आप सुबह खीरे का जूस लें, खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी मिला कर पीएँ। यह juice आप कई प्रकार के ले सकते हैं। पेठे (ashguard ) का जूस लें और कुछ नहीं लेना है। नारियल पानी भी ले सकते हैं। बेल का पत्ता 8 से 10 पीस कर I100ml पानी में मिला कर पीएँ। खीरा 1/2 भाग + धनिया पत्ती (10 ग्राम) पीस लें, 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। बेल पत्ता 8 से 10 पीस कर 100 ml पानी में मिला कर लें। दुब घास 25 ग्राम पीस कर छान कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। कच्चे सब्ज़ी का जूस आपका मुख्य भोजन है। जो की आपको ज़बर्दस्त फ़ायदा करेगा। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। फल को चबा कर खाएँ। इसका juice ना लें। दोपहर में 12 बजे फिर से कच्चे सब्ज़ी जूस को लें। इसके एक घंटे बाद खाना खाएँ।शाम को 5 बजे सफ़ेद पेठे (ashguard) 20 ग्राम पीस कर 100 ml पानी मिला। 2 घंटे तक कुछ ना लें। रात के सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डाले। ताज़ा नारियल मिलाएँ। रात का खाना 8 बजे खाएँ। लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। इसे बिना नमक के खाएँ, बहुत फ़ायदा होगा। पृथ्वी तत्व को शरीर में डालने का एक नियम हमेशा याद रखें ठोस (solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल (liquid) को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें। ठोस (solid) भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ (liquid) ले सकते हैं। ऐसा करने से हाज़मा कभी ख़राब नहीं होगा। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन छोड़ने से ज़्यादा लाभ होगा। तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। धन्यवाद। रूबी, प्राकृतिक जीवनशैली प्रशिक्षिका व मार्गदर्शिका (Nature Cure Guide & Educator)
मेरी उमर अडतालीस मेरे पाव मे हमेशा दर्द रहता है I
Smitha Hemadri
06:06 PM | 04-10-2019
Pains /discomfort in the lower extremities often is found in people who are on a bad lifestyle but may not have diabetes too. Diabetes will make the condition more prominent. Due to the consumption of dairy and animal products, their calcium levels gets depleted and is leeched from the bones. Detailed explainations can be found under search on osteoporosis. The reason is the same. . Due to excess glucose / toxins in the blood even if the medical tests show less, it’s there. That thickens the blood like a syrup. Heart tries hard to pump viscous blood and in people with type 2 longer than a decade, their legs usually start becoming weaker due to lack of proper blood flow. Solution is to ensure it’s managed with a good lifestyle. Switch to whole food plant based diet. Meaning of whole food is explained under the body wisdom section in detail. Removing any form of fat is first important .Remove oils in the food, have raw foods like fruits vegetables greens for the whole day for one month and such pains usually normalises unless ur on this condition for more than a decade. Continue on the raw as much as you can. That will reverse both leg issues and diabetes. Drink 1-2lts if vegetable juices per day. Eat fruits in plenty. Don’t medicate . Medicines cause more harm than they appear. Avoid dairy eggs meat fish sugar wheat maida oils fried food refined foods bakery products and any junk. Apply a cold wet towel for 30 mins for immediate pain relief. Start with 5 min of hot wet towel Be blessed Smitha Hemadri ( Educator in natural healing practices)
I was lifting weight in gym. While i was lifting i got a click in my right shoulder. Since then i have been in pain in right side muscle of shoulder; more so in night while sleeping. I tried muscle relaxants, cold packs, but no effect. Pl advise as I can't lift weight in gym. What to do?
Smitha Hemadri
10:49 AM | 28-09-2019
Muscle spasms occur when the nerve with electrical signals /connection touch the muscles during an improper movement when the muscles are not yet strong enough to take the weight you are pushing it for. These spasms take time to relax. You can’t rush it. Go on a complete juice diet for couple of days 3-4 lts. Also for better musclular health in future, follow a high raw, whole food plant based lifestyle. Any animal food will overload your body with toxic deposits and also cause more inflexibility. Follow this :- Morning on empty stomach Celery juice 250 ml filtered / ash gourd juice / cucumber juice Followed by Green juice with any watery vegetable like ashgourd / cucumber / ridge gourd / bottle gourd / carrot / beet with ginger and lime filtered More hunger - tender coconut water or more pure veggie juice Afternoon from 12 :- A bowl of fruits - don’t mix melons and other fruits. Eat melons alone. Eat citrus alone Followed by a bowl of salad which includes coconut / flax or sesame in any form If hungry - tender coconut water or coconut pieces with some dates or balls made from seeds with 2 dates Dinner 2-3 hrs before sleep with Gluten free, oilfree unpolished grains or dals 30% and 70% veggies See if u can go to the morning sun for sometime in a day 30 mins atleast. Ensure that you are asleep between 10-2 which is when the body needs deep sleep. What to Avoid :- Avoid refined oils, fried food , packaged ready to eat foods, dairy in any form including ghee, refined salt and sugar , gluten , refined oils . Avoid mental stress by not thinking about things you cannot control. Present is inevitable. Future can be planned. Stay happy. Happiness is only inside yourself . The world around you is a better place if you learn to stay happy inside yourself. Reach us if you need more help in this area. Emotional stress can cascade the effects. Thank your body and love it Read these - https://www.wellcure.com/health-journey/tags/fitness Be blessed. Smitha Hemadri (educator of natural healing practices)
What are the exercises or yoga to do in heart diseases?
Dr.Tokika
06:56 PM | 23-09-2019
Hi there, Exercise and yoga plays a very important role in maintaining a healthy heart and it's functions. Daily asana practice can increase blood circulation and decrease levels of cortisol thereby reducing stress and anxiety which are one of the major factors responsible for many heart diseases . Following are the yogasanas and exercises you can practise daily so as to maintain a healthy heart; • Start your day with a morning walk, jogging or brisk walking. • Practice asanas such as Ustrasana ( camel pose ), bhujangasanaaaa ( cobra pose ), setu bandha savangasana (bridge pose), janu sirsasana ( head to knee forward bend ) tadasana, suryanamaskara( avoid dynamic) all these asanas are good practise for maintaining a healthy heart functions. • Maintaining or practising a Meditative postures such as sukhasana or padmasana itself boost your heart function. • Every other pranayama can be practiced but kapalabhati and bhastrika are strictly contraindicated if you have any heart disease.
Non specific colitis kisy kehty hai aur kya ye heal ho sakti hai.... Ulcerative colitis aur non specific colitis me kya difference hai
Smitha Hemadri
11:51 AM | 29-08-2019
Asma, “ITIS“, means inflammation. Colitis is inflammation of the colon. In medical terms, acute colitis, chronic colitis, non-specific colitis are various terms they use to understand how much of symptomatic treatment can be provided to the patient. In non-specific colitis, the inflammation to the degree of chronic or acute will be seen, but the symptoms specified by the patient may not be matching that. Hence that becomes a middle ground compared to the terms that are very clearly documented in medical books. Irrespective of what kind of inflammation view have across the body, in natural cure, the treatment is the same. The education provided will be to make you understand that the inflammation has been caused because of underlying toxaemia and accumulation of toxins. Wherever there are toxins, viruses and bacteria come to eat that and infections are seen. Ulcerative colitis or non-specific has to be treated similarly. After the colitis or inflammation stage, ulcers are formed. Whether the stage is ulcerative colitis or just colitis, in both cases here: colon is affected, and accumulation of any form of faecal matter is detrimental to your health and life in future. The explanation provided to you in your previous question on ulcerative colitis and the treatment suggested the lifestyle changes proposed are the same there is no change in what we will suggest for non-specific colitis or ulcerative colitis. https://www.wellcure.com/questions-answers/1385/i-m-recently-diagnosed-with-left-sided-ulcerative-colitis-can-i-heal-it-as-i-read-this-condition-is-life-long Be blessed Smitha Hemadri (educator of natural healing practices)
Treatment of heart valve desease
Ruby
05:53 PM | 17-08-2019
नमस्ते इस बीमारी का मूल कारण हाज़मा और क़ब्ज़ है। शरीर पाँच तत्व से बना हुआ है प्रकृति की ही तरह। आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी ये पाँच तत्व आपके शरीर में रोज़ खुराक की तरह जाना चाहिए। पृथ्वी और शरीर का बनावट एक जैसा 70% पानी से भरा हुआ। पानी जो कि फल, सब्ज़ी से मिलता है। 1 आकाश तत्व- एक खाने से दूसरे खाने के बीच में विराम दें। रोज़ाना 15 घंटे का उपवास करें जैसे रात का भोजन 7 बजे तक कर लिया और सुबह का नाश्ता 9 बजे लें। 2 वायु तत्व- लंबा गहरा स्वाँस अंदर भरें और रुकें फिर पूरे तरीक़े से स्वाँस को ख़ाली करें रुकें फिर स्वाँस अंदर भरें ये एक चक्र हुआ। ऐसे 10 चक्र एक टाइम पर करना है। ये दिन में चार बार करें। खुली हवा में बैठें या टहलें। 3 अग्नि तत्व- सूर्य उदय के एक घंटे बाद या सूर्य अस्त के एक घंटे पहले का धूप शरीर को ज़रूर लगाएँ। सर और आँख को किसी सूती कपड़े से ढक कर। जब भी लेंटे अपना दायाँ भाग ऊपर करके लेटें ताकि आपकी सूर्य नाड़ी सक्रिय रहे। 4 जल तत्व- खाना खाने से एक घंटे पहले नाभि के ऊपर गीला सूती कपड़ा लपेट कर रखें और खाना के 2 घंटे बाद भी ऐसा करें।खीरा और नीम के पत्ते का पेस्ट अपने दाएँ तरफ़ छाती पर रखें।पर रखें। 20मिनट तक रख कर साफ़ कर लें। मेरुदंड स्नान के लिए अगर टब ना हो तो एक मोटा तौलिया गीला कर लें बिना निचोरे उसको बिछा लें और अपने मेरुदंड को उस स्थान पर रखें। मेरुदंड (स्पाइन) सीधा करके बैठें। हमेशा इस बात ध्यान रखें और हफ़्ते में 3 दिन मेरुदंड का स्नान करें। किसी टब में पानी डाल कर 20मिनट के लिए बैठें। 5 पृथ्वी- सब्ज़ी, सलाद, फल, मेवे, आपका मुख्य आहार होगा। आप सुबह सफ़ेद पेठे 20ग्राम पीस कर 100 ml पानी में मिला कर पीएँ। 2 घंटे बाद फल नाश्ते में लेना है। दोपहर में 12 बजे फिर से इसी जूस को लें। इसके एक घंटे बाद खाना खाएँ।शाम को 5 बजे सफ़ेद पेठे (ashguard) 20 ग्राम पीस कर 100 ml पानी मिला। 2घंटे तक कुछ ना लें। रात के सलाद में हरे पत्तेदार सब्ज़ी को डालें, ताज़ा नारियल की मिलाएँ। रात का खाना 8 बजे खाएँ लाल, हरा, पीला शिमला मिर्च 1/4 हिस्सा हर एक का मिलाएँ। इसे बिना नमक के खाएँ, बहुत फ़ायदा होगा। पृथ्वी तत्व को शरीर में डालने का एक नियम हमेशा याद रखें ठोस (solid) खाने को चबा कर तरल (liquid) बना कर खाएँ। तरल (liquid) को मुँह में घूँट घूँट पीएँ। खाना ज़मीन पर बैठ कर खाएँ। खाते वक़्त ना तो बात करें और ना ही TV और mobile को देखें। ठोस (solid) भोजन के तुरंत बाद या बीच बीच में जूस या पानी ना लें। भोजन हो जाने के एक घंटे बाद तरल पदार्थ (liquid) ले सकते हैं। ऐसा करने से हाज़मा कभी ख़राब नहीं होगा। जानवरों से उपलब्ध होने वाले भोजन वर्जित हैं। तेल, मसाला, और गेहूँ से परहेज़ करेंगे तो अच्छा होगा। हफ़्ते में एक दिन उपवास करें। शाम तक केवल पानी लें, प्यास लगे तो ही पीएँ। शाम 5 बजे नारियल पानी और रात 8 बजे सलाद लें। अधिक जानकारी के लिए या व्यक्तिगत सलाह और उत्तम स्वास्थ्य सम्बन्धी मार्गदर्शन के लिए मुझसे सीधे सम्पर्क करें। धन्यवाद। रूबी, Ruby प्राकृतिक जीवनशैली शिक्षिका (Nature Cure Educator
Diabetic diet
Wellcure
03:00 PM | 19-08-2019
Dear Souji, You may want to follow the thread to a similar query, click here Team Wellcure
IBS ki problem h mujhe. Please advise
Nikita Mishra
09:12 PM | 16-08-2019
Hello Ankit , Ibs is a problem of your digestive system. Cut dairy products from your diet completely like ghee,milk,paneer,curd, buttermilk because these are not meant for our human digestive system. Cut animal products like meat from your diet. Avoid spicy foods, deep fried foods, processed foods, oily foods. Indulge in some physical activity like walking. Do yoga regularly. Take sun exposure early in the morning. Walk barefoot on grass. For initial 2-3days,be on fluid diet. Have fresh homemade fruit juices, coconut water. Have a complete plant based diet. Include nuts, beans, sprouts, salads,fresh vegetables in your meals. Thanks
I have to go for potty after every meal (after one or two hours) i have taken english as well as ayurvedic medicine but not much relif. Plz help
Smitha Hemadri
10:25 AM | 03-08-2019
Your gut has become highly irritable. Switch off all forms of solid food for 3 days and resume only tender coconut for 2 days and vegetable juices for the third day. Resume fruits for lunch with rest of the day on juices ( no sugar salt or jaggery or milk or any other products except for the juice in a vegetable). Buy an enema kit and take water enema for 1 month. Let us know after you have done this. Younwill continue to have motions, let the bowels get cleaned and heal. Kindly stop taking any animal products like diary and diary related products meat eggs fish sugar wheat. Take only uncooked fruits greens and vegetable juices for a month. Your body will slowly start healing
Is there any cure for polypo sinosis?
Dr Sangeeth Somanadhap...
12:20 PM | 31-07-2019
This condition could have a partial management through Natural Therapies. Some simple lifestyle modifications and home therapies could benefit to certain extent Avoid mucous diets namely ladies finger, brinjal, maida products, fried or oily items, non-vegetarian foods etc Try steam inhalation with eucalyptus oil and basil oil or even you may add tulsi leaves Decotion made out of pepper, tulsi leaves, betal leaves, dried ginger, jaggery could work as a expectorant to remove the mucous from your respiratory tract Managestress and have good sleep Avoid dust and sandy environments which could aggrevate the condition Try to practice deep breathing exercises and pranayam like Suryanadi,Suryabhedana, Nadishodhan and to relieve headache if it persists then you could add Brahmari as well which could help in relieving headache I would suggest you to get a ultrasound or mri done to get an idea how much polyps are obstructing your nasal tract through a consultation with an ENT Surgeon. Sometimes even after surgery this condition has a tendency recur again. Hence trying to live naturally might be the best choice provided there is no complete obstruction of nasal passage, if in that case surgery may be recommended.
What is treatment for AVN Of hip joint
Dr Sangeeth Somanadhap...
06:06 PM | 27-07-2019
Avascular Necrosis of the bone, or Osteonecrosis, aseptic necrosis and ischemic bone necrosis, is a relatively common disease characterized by death of the cellular elements of bone and marrow due to interruption of the blood supply. Line of Management in Naturopathic Medicine along with Physiotherapy ( exercise therapy ) may be, Naturopathic Medicine - Partial massage, Infrared lamp, Diet Therapy - Boiled diet,Ragi,Vegetable salads etc Exercise therapy - Passive movements, Types of Stretching ( Polar band and Sustained ), Active movements and walking Note - Integrative medicine along with other systems of medicine along with Naturopathic medicine could be more beneficial rather than stand alone therapy. These are tentative plan of treatments. Researrch brings more and more innovations and there could be more break through in the new techniques of management in this condition
हम लोग शायद जिस तरीक़े से दाल बनाते हैं वो सही नहीं है। कहा जाता है कि अगर दाल को प्रेशर कुकर में बनाया जाए तो उसके अंदर के सारे मिनरल और नूट्रीयंट नष्ट हो जाते हैं। क्या यह सही है?
Anchal Kapur
03:05 PM | 23-07-2019
Yes this is true. Not just for dals, but all foods. Best is to eat raw foods or cook below 43 degrees celsius. Beyond this temperature, enzymes & nutrients start getting destroyed.
Can anyone please tell me about some natural remedies to treat vertigo.?
Mohan M
10:08 AM | 15-07-2019
Namaste Mehak ji, Vertigo which related to our Brain processes information from our eyes, ears and nervous system. This helps maintain our body’s balance. The processing of this information gets affected due to the lack of blood supply to the brain. Vertigo occurs when we have Low blood pressure, Vomiting, Dehydration and Low blood sugar. We feel Weakness, Pain in eye, Light headedness or Headache or Loss of vision is the indication of Accute Vertigo. No need to worry for this. We can cure Naturally by adopting Natural life. Like, Consume vitamin A and C rich fruits like Indian gooseberry. Cut 2 Indian gooseberries into small pieces De-seed and crush them to a paste Add 1 glass of water Add 2 tsp of coriander seeds Allow it to soak overnight Strain and drink the water next morning or Take 1 tsp of nutmeg powder Add 1 tsp of cumin powder Mix well Have this 3 times a day This is useful if you suffer from periodic bouts of dizziness Eat lots of season fruits. Do pranayam regularly and keep the pressure stable. Do some minimal walking. Take Plenty of rest. See the difference. Have a great Wellcure day.
Is balsamic vinegar healthy compared to the generally available vinegar?
Shweta Gupta
12:34 PM | 16-04-2019
Here's my understanding about balsamic and white vinegar. Balsamic vinegar is basically made using grapes. Grape pressings are boiled and the thick syrup is then stored in wooden containers and allowed to ferment for years. White vinegar, on the other hand, is made using acetic acid and is hence very acidic. In that sense, balsamic vinegar is definitely a better choice than regular white vinegar. Balsamic vinergar is very strong and should be used in very little amount, possibly just to sprinkle over salads or dressings. It is also very expensive and one must make sure to buy the right quality of the same.
For diabetic patients or borderline diabetic patients, why do sugar levels shoot up during times of infection or fever? How can this be explained with natural healing principles? Want to explain this in a simple way to a friend who is experiencing this presently.
Smitha Hemadri
10:56 AM | 08-06-2020
Body either burns fat / either way diabetes patients have that extra glucose due to the cell resistance. This shoots up in an attempt to clear the infections in the blood stream. Infections are fueled by glucose too. And when they clear up, the extra glucose no longer needed is passed into the urine. This can give a false positive reading. Medicines if taken also can show high readings during a fever. Yeast virus and microbes feed on the glucose. There are many angles to why the blood readings show a high glucose level. Diabetes has to be treated to clear up cell resistance naturally. Even in normal people, the blood sugar rises but since their body can handle the rise, they are not called diabetic. In diabetes patients since the tests are monitored or symptoms are seen you are observing it. But it happens to everyone. In kids, they become hyperactive during a fever, they talk more,l etc. when body handles this naturally they sleep. If they are given meds, they sleep when the temp drops and sugar drops. They become active when it rises after the paracetamol effect is over.
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